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अन्तर्राष्ट्रीय

मसूद पर रुख में बदलाव नहीं : चीन

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बीजिंग, 20 जून (आईएएनएस)| चीन ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर को आंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की राह में अभी भी कुछ समस्याएं हैं।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुंग ने यहां कहा, वर्तमान में, कुछ सदस्य अभी भी मुद्दे से असहमत हैं।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयास में रोड़ा अटकाने के लिए चीन पहले भी वीटो का इस्तेमाल कर चुका है। उसने तर्क दिया है कि जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ पुख्ता सबूतों की कमी है। मसूद अजहर को पठानकोट आतंकवादी हमले का मुख्य साजिशकर्ता ठहराया गया है।

गेंग ने कहा, हम अपने रुख को लेकर कई बार बातचीत कर चुके हैं। हमारा मानना है कि निष्पक्षता, पेशवराना तथा न्याय बरकरार रहेगा।

उन्होंने कहा, इस मुद्दे पर चीन प्रासंगिक पक्षों के साथ समन्वय तथा संपर्क बनाए रखने के लिए तैयार है।

बीजिंग की प्रतिक्रिया भारत तथा चीन द्वारा बढ़ते आतंकवाद पर चिंता जताने तथा आतंकवाद के खिलाफ मुकाबले के लिए ब्रिक्स देशों के साथ सर्वसम्मति बनाने के आह्वान के एक दिन बाद आई है।

सोमवार को ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान विदेश मंत्री वांग यी ने कहा था कि चीन आतंकवाद से पीड़ित है और भारत की चिंता को समझता है।

भारत के विदेश राज्य मंत्री वी.के.सिंह ने कहा था कि भारत तथा चीन इस बात से सहमत हैं कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए चुनौती है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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