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भोपाल गैस हादसा : 32वीं बरसी पर अमेरिकी झंडा जलाने का फैसला

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भोपाल गैस हादसा : 32वीं बरसी पर अमेरिकी झंडा जलाने का फैसलाभोपाल | मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 32 वर्ष पूर्व हुए गैस हादसे के प्रभावितों के हक की लड़ाई लड़ने वाले पांच संगठनों ने अमेरिकी सरकार के रवैये पर तीखा आक्रोश जाहिर करते हुए तीन दिसंबर को अमेरिकी झंडा जलाने का ऐलान किया है।

पीड़ितों के हक के लिए संघर्ष करने वाले भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन, भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा, भोपाल गैस पीड़ित महिला-पुरुष संघर्ष मोर्चा, डाओ-कार्बाइड के खिलाफ बच्चों के संगठन ने बुधवार को एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में अमेरिकी सरकार और उसके रवैये की आलोचना की।

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन के सतीनाथ षडंगी ने कहा, “अमेरिकी सरकार का यूनियन कार्बाइड व डाओ केमिकल को सरंक्षण है। यही कारण है कि पिछले दो वर्षो में भोपाल जिला अदालत द्वारा डाओ केमिकल के अधीन रहे अधिकारी को अदालत में हाजिर होने के संबंध में चार नोटिस जारी किए गए और उन सभी नोटिसों की कंपनी द्वारा अवहेलना की गई।

अब यह कंपनी कानूनी जिम्मेदारियों से बचने के लिए एक और अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी डुपोंट में विलय कर रही है।”

षडंगी ने कहा, “अमेरिकी सरकार के रवैये को लेकर गैस पीड़ितों में आक्रोश है, जिसके मद्देनजर हादसे की 32वीं बरसी के दिन तीन दिसंबर को अमेरिकी झंडा जलाया जाएगा।”

भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा, “पिछले 12 वर्षो में पीड़ितों और उनके बच्चों के इलाज तथा पुनर्वास के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित निगरानी समिति की एक भी अनुशंसा प्रदेश सरकार ने पूरी तरह लागू नहीं की।”

संवाददाता सम्मेलन में भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की रशीदा बी, भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के बालकृष्ण नामदेव ने कहा, “भोपाल में भले ही 32 वर्ष पूर्व हादसा हुआ हो, मगर उसका प्रभाव आज भी बरकरार है और हादसे के बाद पैदा हुई पीढ़ियों पर बहुराष्ट्रीय अमेरिकी कंपनी के कीटनाशक कारखाने के जहर का असर हो रहा है।”

संगठनों ने कहा कि कंपनी द्वारा परित्यक्त कारखाना आज भी इंसानों की जान ले रहा है और उन्हें अपंग कर रहा है। उनका कहना था कि कारखाने का हजारों टन जहरीला कचरा जमीन के नीचे दबा देने की वजह से उसके आसपास का भूजल प्रदूषित हो रहा है।

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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