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अन्तर्राष्ट्रीय

भूटान का आरोप, डोकलाम में सड़क बनाकर संधि तोड़ रहा चीन

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भूटान, चीन, सीमा क्षेत्र, डोकलाम, तनाव

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थिम्‍पू। भूटान ने शुक्रवार को चीन पर अपने सीमा क्षेत्र में सड़क का निर्माण कर दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। भूटान ने कड़ा बयान देते हुए कहा कि चीन से जोम्पेलरी स्थित भूटानी सेना के शिविर की तरफ डोकलाम इलाके में डोकोला से वाहनों की आवाजाही के योग्य सड़क का निर्माण रोकने को भी कहा है। भूटान का कहना है कि इससे दोनों देशों के बीच सीमा तय करने की प्रक्रिया प्रभावित होती है।

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भूटान की यह अहम टिप्पणी सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच जारी तनातनी के बीच आई है। उसका कहना है कि उसने सड़क निर्माण को लेकर चीन को डिमार्शे भी जारी किया है और चीन से तत्काल निर्माण कार्य रोककर यथास्थिति बहाल करने के लिए कहा गया है।

चीन के डोंगलोंग को सिक्किम-भूटान-तिब्बत त्रिकोणीय जंक्शन से जुड़ने पर उसे भारत पर एक बड़ी सैन्य बढ़त मिल सकती है। भारत और चीन दोनों ने इस जंक्शन पर अपने-अपने सैनिकों को भेजना जारी रखा है।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने भी गुरुवार को गंगटोक स्थित 17 माउंटेन डिविजन और कलिमपोंग स्थित 27 माउंटेन डिविजन का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों ने दूरवर्ती सीमा क्षेत्र पर 3-3 हजार सैनिकों को तैनात कर जंक्शन में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।

भारतीय सेना ने हालांकि, इस पर कुछ भी कहने से इनकार किया है। सूत्रों के मुताबकि दोनों ही देश अपने स्थान से हटना नहीं चाहते। दोनों विरोधी कमांडरों के बीच हुई फ्लैग मीटिंग और वार्ता का फिलहाल कोई असर नहीं हुआ है। चीन ने बुलडोजर का इस्तेमाल कर डोंगलोंग में भारतीय सेना के एक पुराने बंकर को हटा दिया। इसके बाद से सीमा पर तनाव का माहौल है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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