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भुला दी गई मौलाना आजाद की जयंती

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नई दिल्ली।  जयंती समारोहों के मौजूदा दौर में धर्मनिरपेक्षतावादी नेता और स्वतंत्रता सेनानी मौलाना अबुल कलाम आजाद की 127वीं जयंती लगभग भुला दी गई। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के कुछ अधिकारियों के अलावा मौलाना आजाद के जामा मस्जिद स्थित स्मारक पर कोई नहीं पहुंचा।

आधुनिक भारत के संस्थापकों में से एक मौलाना आजाद को अधिकतर नेताओं ने याद नहीं किया। अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे मौलान आजाद। उन्हें मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा चुका है।

आईसीसीआर मौलाना आजाद की जयंती को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाती है। ऐतिहासिक जामा मस्जिद के पास स्थित मौलाना आजाद के स्मारक पर आईसीसीआर ने समारोह का आयोजन किया। समारोह में आईसीसीआर के महानिदेशक सी. राजशेखर ने कहा कि विभाजन के बाद मौलाना आजाद ने मुसलमानों के सामने कुरान की यह बात रखी थी : “डरो मत और शोक मत मनाओ। अगर तुम्हारे पास सच है तो कामयाबी तुम्हारे साथ होगी।”

उन्होंने कहा कि 23 अक्टूबर 1947 को जामा मस्जिद की सीढ़ियों पर मौलाना आजाद ने जो भाषण दिया था वह उनके धर्मनिरपेक्ष व्यक्तित्व और जिस बात के लिए वह लड़े उसका प्रतिबिंब था। राजशेखर ने कहा कि मौलाना आजाद आधुनिक पश्चिमी ज्ञान के प्रति उतने ही खुले थे जितना कि वह भारत पर पश्चिमी शासन के खिलाफ थे।

टिप्पणीकार और मौलाना आजाद के रिश्तेदार फिरोज अहमद बख्त ने कहा कि मौलाना आजाद सहिष्णुता और हिंदू-मुस्लिम एकता के सबसे बड़े अलंबरदार थे। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि आईसीसीआर के अलावा बाकी सभी ने मौलाना आजाद को “भुला दिया और किनारे लगा दिया।”

उन्होंने कहा कि आज के समय में जब कुछ लोग भारत के महानतम धर्मनिरपेक्ष स्वरूप को तबाह करने पर उतारु हैं, ऐसे में यह वक्त की मांग है कि मौलाना आजाद के संदेश को फैलाया जाए।

समारोह के संचालक और मुस्लिम न्यायशास्त्र के विद्वान बहार बर्की ने कहा कि आजाद की जिंदगी की सबसे बड़ी चिंताओं में से एक यह भी थी कि भारतीय मुसलमानों के जीवन के हर क्षेत्र में सुधार किया जाए।

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सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान

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नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।

एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।

सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’

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