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बुजुर्ग भाजपा नेताओं के खिलाफ कुछ नहीं कहा : गडकरी

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नई दिल्ली।  केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बुजुर्ग नेताओं पर हमले किए थे। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व इन नेताओं से बिहार हार के मुद्दे पर सलाह-मशविरा कर रहा है। गडकरी ने एक बयान में कहा, “आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित पार्टी के बुजुर्ग नेता हमारे लिए बेहद सम्मानित हैं। मैंने या पार्टी के किसी भी अन्य नेता ने कभी भी इनके प्रति कोई असम्मान नहीं दिखाया है।”

गडकरी ने कहा, “इस बात का सवाल ही नहीं उठता कि किसी ने भी इनसे स्पष्टीकरण मांगने या इन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग उठाई है।”

गडकरी ने इस बात को गलत बताया कि बिहार की हार के लिए पार्टी नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले इन बुजुर्ग नेताओं के खिलाफ उन्होंने कार्रवाई की मांग की थी।

उन्होंने अपने बयान में कहा, “मीडिया के एक हिस्से में ऐसी बातें आईं हैं, जिनसे लगता है कि मैंने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का सुझाव दिया है। यह पूरी तरह गलत और गुमराह करने वाला है।”

आडवाणी, जोशी, यशवंत सिन्हा और शांता कुमार ने एक साझा बयान में कहा था कि बिहार की हार की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। इसे सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से जोड़ कर देखा गया था।

गडकरी ने इस बात को दोहराया कि बिहार में हार के लिए कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि पार्टी सामूहिक रूप से जिम्मेदार है।

गडकरी को गुरुवार को यह कहते पाया गया था, “मैंने शाह से उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा है, जो गैरजिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं और पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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