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मुख्य समाचार

भारत, रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन

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नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गुरुवार को भारत और रूस के 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में ऊर्जा, रक्षा और व्यापार के क्षेत्र में समझौता होने की उम्मीद है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हैदराबाद हाउस में बैठक की।

मोदी के सत्ता संभालने के बाद भारत और रूस के बीच यह पहली आधिकारिक बैठक है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरूद्दीन ने ट्वीट किया, “मुस्कराहट के साथ बैठक की शुरुआत हुई। मोदी और पुतिन ने नई दिल्ली वार्षिक शिखर सम्मेलन की शुरुआत की।”

पुतिन बुधवार रात एकदिवसीय यात्रा पर बुधवार को दिल्ली पहुंचे। मोदी ने उनका स्वागत किया। पुतिन ने कहा कि वह इस दौरे के लाभदायी होने की उम्मीद कर रहे हैं,जो भारत-रूस संबंध को नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा।

मोदी ने उनके आगमन की जानकारी ट्विटर पर पहले रूसी भाषा और फिर अंग्रेजी में दी।

वार्षिक सम्मेलन का आयोजन मास्को और नई दिल्ली में बारी बारी से होता है। पिछले साल इसका आयोजन अक्टूबर में मास्को में हुआ था, जब तत्कालीन भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शिरकत की थी।

पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब रूस की अर्थव्यवस्था यूक्रेन मुद्दे पर पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण प्रभावित हुई है और अंतर्राष्ट्रीय तेल के मूल्य में गिरावट आई है, जिससे इसकी घरेलू मुद्रा रूबल का भाव कम हो गया है।

भारत ने हालांकि, किसी भी तरह के आर्थिक प्रतिबंध में साथ न देने की बात कहते हुए संबंध को आगे विस्तार देने का आधार तैयार कर दिया है।

प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे और दोनो ही देशों के नेता प्रेस को बयान जारी करेंगे।

15 व्यावसायियों की टीम के साथ भारत दौरे पर आए पुतिन हैदराबाद हाउस में विभिन्न कंपनियों के मुख्य प्रबंध अधिकारियों को संबोधित करेंगे।

रूसी राष्ट्रपति विज्ञान भवन में वर्ल्ड डायमंड कान्फ्रेंस का उद्घाटन करेंगे और स्वदेश रवाना होने से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात करेंगे।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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