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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत के लिए खतरे की घंटी, नेपाल के दौरे पर पहुंचे पाकिस्तानी पीएम अब्बासी

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी सोमवार को अपने दो दिवसीय दौरे पर नेपाल की राजधानी काठमांडू पहुंचे। नेपाल के वित्त मंत्री युवराज खातीवाड़ा और विदेश सचिव शंकरदास बैरागी ने यहां त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (टीआईए) पर अब्बासी का स्वागत किया।

नेपाल ने पाकिस्तान के पीएम को आधिकारिक दौरा पर बुला कर भारतीय कूटनीति के समक्ष बड़ी चुनौती पेश की है। यह संभवत: पहला मौका है जब नेपाल में नई सरकार के गठन के बाद वहां भारतीय पीएम से पहले पाकिस्तान के पीएम का दौरा हो रहा है।

अब्बासी पाकिस्तानी सेना के विशेष विमान से यहां पहुंचे। हवाईअड्डे से वह हयात रेजेंसी होटल के लिए रवाना हुए जहां वह रहेंगे। नेपाल विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री की अपने नेपाली समकक्ष और सीपीएन (यूएमएल) अध्यक्ष के.पी. शर्मा ओली से मुलाकात निर्धारित है। दोनों देशों के बीच पारस्परिक हित और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा किए जाने की संभावना है।

नेपाल सेना का एक दस्ता टुंडीखेल में पाकिस्तानी नेता को गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रस्तुत करेगा। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सम्मान में ओली रात्रि भोज की मेजबानी करेंगे। अब्बासी सीपीएन (माओवादी सेंटर) के प्रमुख पुष्प कमल दहल से भी मिलेंगे। वह पाकिस्तान वापस लौटने से पहले मंगलवार को राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के आमंत्रण पर राष्ट्रपति भवन भी जाएंगे।

पाकिस्तान विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, अब्बासी का दौरा पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को और बेहतर बनाने के सक्रिय प्रयासों का हिस्सा है। वह नेपाल में नई सरकार के गठन के बाद यहां का दौरा करने वाले पहले उच्चस्तरीय पदाधिकारी हैं। माना जा रहा है कि इस दौरे में दक्षेस प्रक्रिया को फिर से शुरू करने पर चर्चा हो सकती है। सितंबर 2016 में उरी के भारतीय सैन्य शिविर पर हमले के बाद से यह बाधित है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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