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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत, ऑस्ट्रेलिया आपराधिक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाएंगे

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कैनबरा| भारत एवं ऑस्ट्रेलिया ने मंगलवार को यहां दो समझौतों पर हस्तार करने के साथ सजायाफ्ता कैदियों के हस्तांतरण और दोनों देशों में मादक पदार्थो की तस्करी रोकने को सहमत हो गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष टोनी एबॉट ने यहां द्विपक्षीय वार्ता के दौरान समझौतों पर सहमति जताई।

ऑस्ट्रेलिया के न्याय मंत्री माइकल कीनन की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, इन समझौतों से भविष्य में दोनों देशों के बीच कानून प्रवर्तन सहयोग संबंध मजबूत होगा।

कीनन ने कहा, “मुझे ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच कैदियों के हस्तांतरण समझौते के साथ-साथ मादक पदार्थो की तस्करी रोकने और पुलिस सुधार सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने की खुशी है।”

उन्होंने कहा, “ये समझौते भविष्य में हमारे साथ साझेदारी को मजबूत करने के लिए इस सरकार की प्रतिबद्धता का संकेत हैं।”

कीनन ने कहा कि विश्व के आपसी संपर्क के स्वभाव ने सीमा से परे आपराधिक खतरों के माहौल को जन्म दिया है और समझौता ज्ञापन ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस और भारत के मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो को प्रशिक्षण में सहयोग, विशेषज्ञों के आदान-प्रदान में मददगार होगा।

मंत्री ने आगे कहा कि कि कैदियों के हस्तांतरण का समझौता संगठित अपराध के संक्रमण के स्वभाव के नजरिए से महत्वपूर्ण है। अपराधियों के लिए विदेशों में अपराध करना, दोषी पाया जाना और दंड का हकदार होना सामान्य हो गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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