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नेशनल

भाजपा का कांग्रेस मुक्त दिल्ली का सपना साकार,सभी उच्च पदों पर कब्ज़ा

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भारतीय जनता पार्टी का कांग्रेस मुक्त दिल्ली करने का सपना शनिवार शाम को वेंकैया नायडू के उप राष्ट्रपति बनते ही साकार हो गया।

शनिवार सुबह उप राष्ट्रपति पद के लिए मतदान शुरू हुआ, जिसका नतीजा शाम तक घोषित कर दिया गया।

नतीजे के अनुसार वेंकैया नायडू को देश का तेरहवां उप राष्ट्रपति घोषित किया गया। उप राष्ट्रपति घोषित होते ही देश के शीर्ष पदों राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष पद पर भाजपा का नेत्रत्व हो गया।

तीन साल पहले लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत प्राप्त करने के बाद, बीजेपी ने दो दिन पहले राज्यसभा में भी सबसे बड़ी पार्टी होने का अवधा हासिल कर लिया है।

2014 से 2017 के मध्य भाजपा ने अनेक राजनीतिक उपलब्धियां हासिल की है। वर्तमान में बीजेपी व उसके सहयोगी दलों  की 18 राज्यों में सरकार है। जहां उसके अपने 13 मुख्यमंत्री व बाकी 5 राज्यों में उसके सहयोगी दलों के मुख्यमंत्री हैं।

पिछले तीन सालो में कांग्रेस को लगातार झटके पे झटके लग रहे हैं। पहले लोकसभा में बहुमत गंवाया और इस साल हुए राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनाव
में भी उसे हार का सामना करना पड़ा।

   भाजपा के वरिष्‍ठ नेता ने कहा कि केंद्र की सत्ता में भाजपा पहले भी रह चुकी है, लेकिन लोकसभा में अपना स्पष्ट बहुमत, सभी शीर्ष निर्वाचित संवैधानिक पदों पर पहुंचना। उससे भी ज्यादा राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनना बड़ी उप‍लब्धि है। इसमें यूपी की बड़ी जीत भी शामिल है।

उच्च सदन में बहुमत मिलने का श्रेय मध्यप्रदेश से उप चुनाव में जीती
संपतिया उईके को मिला है। राज्यसभा में भाजपा की ताकत में अगले वर्ष
और बढ़ोतरी होगी।

संगठन के स्तर पर भी भाजपा ने बड़ी छलांग लगाते हुए 11 करोड़ सदस्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनने का भी दावा किया है।

वरिष्‍ठ नेताओं का कहना है कि भाजपा अपनी इस सफलता को आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रचारित करेगी।

 

नेशनल

इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने वापस लिया नामांकन, बीजेपी में होंगे शामिल

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इंदौर। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति के इस फैसले फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया। इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे। इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्‍यता लेंगे।

इंदौर कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ माना जाता है। विजयवर्गीय इंदौर 1 से विधायक हैं। उन्होंने एक्स पर अक्षय कांति बम की तस्वीर के साथ लिखा, ”इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है।”

इसके बाद इंदौर सीट पर अब भाजपा के लिए मैदान लगभग साफ हो गया है, उसके सामने निर्दलीय और अन्य दलों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं बचा। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी।

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