Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

भागवत ने मोदी को सराहा, एकता का आह्वान

Published

on

Loading

नागपुर| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को अपने बहुप्रतीक्षित दशहरा संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके इस पद पर आने के बाद से देश में आशा व उत्साह का माहौल है। देश में बढ़ती असहिष्णुता के बीच भागवत ने एकता की अपील करते हुए यह भी कहा कि अनेकता में एकता ही भारत की असली पहचान व ताकत है।

भागवत ने यहां स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए अपने वार्षिक दशहरा संबोधन में कहा विश्व में भारत की छवि सुधरी है। भारत के हालात में सुधार आया है। दो साल पहले निराशा का माहौल था, लेकिन अब आशा व उत्साह का माहौल है। आरएसएस प्रमुख ने मोदी की ‘जन धन योजना’ जैसी पहल की सराहना की।

भागवत ने वार्षिक दशहरा संबोधन में लोगों से एकजुट होने और रहने की भी अपील की। उन्होंने कहा भारत को एक मजबूत राष्ट्र बनाने का मूल सिद्धांत इसकी एकता को सुनिश्चित करना है। भागवत ने कहा हमें भारत के लाभ के लिए एकीकृत शासन की आवश्यकता है। अनेकता में एकता भारत की ताकत है।

दशहरा संबोधन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अन्य नेताओं ने भी शिरकत की। भागवत ने कहा विश्व में नव भारत के उत्थान का एक विचार है। दुनिया में जब भी कोई संकट आया है, हम मदद के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा समाज, सरकार और प्रशासन को देश में सतत परिवर्तन के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

Published

on

Loading

वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

Continue Reading

Trending