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बड़ा फैसला: 2जी घोटाले में CBI कोर्ट ने ए. राजा और कनिमोझी समेत 25 आरोपियों को किया बरी

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नई दिल्ली। दिल्ली की स्थानीय अदालत ने गुरुवार को 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। विशेष न्यायाधीश ओ.पी.सैनी ने पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा और डीएमके सांसद कनिमोझी सहित सभी आरोपियों को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर दोनों मामलों में बरी कर दिया।

कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार के दौरान 2008 में दूरसंचार विभाग द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम के लाइसेंस आवंटन में कथित तौर पर अनिमितता हुई थी, जिसका 2010 में कैग की रिपोर्ट के बाद व्यापक स्तर पर खुलासा हुआ। 

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बता दें कि विशेष अदालत 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाला मामले में पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा, द्रमुक सांसद कनिमोझी और कई अन्य के भाग्य का फैसला कर सकती है। विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ. पी. सैनी यूपीए सरकार के समय हुए टू-जी घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा दर्ज अलग अलग मामलों में फैसले सुना सकते हैं।

टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाले में सुनवाई छह साल पहले 2011 में शुरू हुई थी। जब अदालत ने 17 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किये थे। जिन आरोपों में आरोप तय किये गये हैं उनमें छह महीने से उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।

कोर्ट ने दर्ज किये 154 गवाहों के बयान

कोर्ट ने CBI की ओर से 154 गवाहों के बयान दर्ज किए थे, जिनमें अनिल अंबानी, उनकी पत्नी टीना अंबानी और नीरा राडिया भी शामिल हैं।ये करीब 4400 पेज के हैं। इन मामलों में छह महीने से लेकर उम्रकैद की सजा तक का प्रावधान है।

Related imageसीबीआई के दूसरे मामले में एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुइया व अंशुमान रुइया, लूप टेलीकॉम के प्रमोटर किरण खेतान व उनके पति आईपी खेतान और एस्सार ग्रुप के निदेशक विकास श्राफ शामिल हैं। चार्जशीट में लूप टेलीकॉम लिमिटेड, लूप इंडिया मोबाइल लिमिटेड और एस्सार टेली होल्डिंग लिमिटेड कंपनियां भी आरोपी हैं।

ये है पूरा मामला-

दरअसल, 2008 में बांटे गए स्पेक्ट्रम पर 2010 में आई एक सीएजी रिपोर्ट ने कई सवाल उठाये थे। जिसमें ये साफतौर से स्पष्ट किया गया था कि, उस वक्त स्पेक्ट्रम की नीलामी के बजाए ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर इसे बांटा गया था।

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इससे सरकार को एक लाख 76 हजार करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।

साथ ही में इसमें इस बात का भी जिक्र था कि अगर ये लाइसेंस नीलामी के आधार पर बांटे जाते तो यह रकम सरकारी खजाने में जाती। इसके बाद दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में विशेष अदालत बनाने पर विचार करने को कहा था।

Related imageसाल 2011 में पहली बार स्पेक्ट्रम घोटाला जब पूर्ण रूप से सामने आया तो ने इसमें 17 आरोपियों को शुरुआती दोषी मानकर 6 महीने की सजा सुनाई थी।

 

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नेशनल

सिद्दारमैया के करीबी मंत्री का बयान, पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को गोली मार देनी चाहिए

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बेंगलुरु। कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया के करीबी मंत्री ने बड़ा बयान दिया है। कर्नाटक के मंत्री जमीर अहमद ने पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वाले लोगों को देखते ही गोली मारने का कानून तत्काल लागू करने की मांग की है। उन्होंने अपने बयान में आगे कहा कि कर्नाटक में उनकी कांग्रेस की सरकार है और उन्हें तत्काल ऐसे लोगों को गोली मारने का कानून बना देना चाहिए।

कर्नाटक में इस वक्त कांग्रेस की सरकार है और सिद्दारमैया मुख्यमंत्री हैं। जमीर अहमद ऐसे पहले मंत्री नहीं हैं, जिन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद बोलने वालों को गोली मारने का कानून बनाने की मांग है, बल्कि इससे पहले कर्नाटक के कृषि मंत्री ने भी इसी तरह की बात की थी।

पिछले दिनों कर्नाटक के कृषि मंत्री बीसी पाटिल ने देश में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले लोगों से निपटने के लिए कानून की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि मेरी राय में भारत विरोधी नारे लगाने और गलत बोलने या फिर पाकिस्तान के समर्थन में वाले लोगों के खिलाफ शूट एट साइट कानून लागू होना चाहिए।

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