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बीफ बैन पर दो केंद्रीय मंत्रियों में भिड़ंत

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एजल। गौमांस पर प्रतिबंध के मुद्दे पर मोदी सरकार के दो मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने बयान दिया है कि मैं बीफ खाता हूं, क्या मुझे कोई रोक सकता है? उन्होंने यह बात अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के उस बात के जवाब में कही जिसमें नकवी ने गौमांस खाने वालों को पाकिस्तान चले जाने की नसीहत दी थी।

केंद्रीय मंत्री बनने के बाद पहली बार एजल की दो दिवसीय यात्रा पर आए रिजिजू ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्वोत्तकर के राज्योंी में बहुसंख्यसक लोग बीफ खाते हैं, ऐसे में उन पर कोई निर्णय थोपना गलत होगा। उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में नकवी ने भाजपा शासित राज्यों, महाराष्ट्र और हरियाणा में बीफ पर बैन लगाने का बचाव किया था। उन्होंने जो शब्द इस्तेमाल किए थे, उन पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। नकवी ने कहा था, ‘यह फायदे या घाटे की बात नहीं है। यह विश्वास और आस्था का मामला है। यह हिंदुओं के लिए संवेदनशील मसला है। जो बीफ खाए बगैर नहीं रह सकते, वे पाकिस्तान या अरब देशों में या जहां कहीं यह मिलता है, वहां जा सकते हैं।’

नकवी की इसी सलाह पर अब रिजिजू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हालांकि, उन्होंने कहा कि मंत्री अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में सभी लोगों की संस्कृति, परंपराओं, आदतों और भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि वैसे राज्य जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं वहां गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बना सकते हैं लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों पर इसे थोपा नहीं जा सकता, जहां बहुसंख्य लोग गोमांस खाते हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर महाराष्ट्र में हिंदू ज्यादा हैं और वे चाहते हैं कि हिंदू आस्था का ख्याल रखने वाले कानून बनें, तो ठीक है। मगर हमारे यहां पूर्वोत्तर में ज्यादातर लोग बीफ खाते हैं। तो उन लोगों को इस बात से भी समस्या नहीं होनी चाहिए कि हम कैसे रह रहे हैं। हमें हर जगह के हिसाब से लोगों की भावनाओं की इज्जत करनी चाहिए।’

वैसे इस मामले में केंद्र सरकार पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली कह चुके हैं कि ये सरकार का रुख नहीं है और नकवी का निजी बयान है।

नेशनल

दिल्ली के विवेक विहार के बेबी केयर सेंटर में लगी आग, 7 बच्चों की मौत

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नई दिल्ली| दिल्ली के विवेक विहार में शनिवार रात एक बेबी केयर सेंटर में आग लगने से 7 बच्चों की मौत हो गई. पांच बच्चों का इलाज दूसरे अस्पताल में चल रहा है। अस्पताल से 12 नवजात बच्चों का रेस्क्यू किया गया था। इनमें से छह बच्चों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जबकि एक की पहले ही मौत हो चुकी थी। बताया जा रहा है कि ऑक्सीजन सिलिंडर फटने से अस्पताल में आग लगी थी।

जानकारी के अनुसार दमकल विभाग को रात 11:32 पर आग लगने की सूचना मिली थी. जिसके तुरंत बाद मौके पर दमकल विभाग की 9 गाड़ियां भेजी गई. पुलिस और दमकल विभाग ने 12 बच्चों को रेस्क्यू किया, जिनमें से 7 की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार 5 बच्चे अस्पताल में एडमिट है। ईस्ट दिल्ली एडवांस्ड केयर हॉस्पिटल में बच्चों को एडमिट किया गया है दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि विवेक विहार में आईआईटी, ब्लॉक बी के पास एक शिशु देखभाल केंद्र से आग लगने की सूचना मिलते ही कुल नौ दमकल गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचीं थी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बच्चों के अस्पताल में आग की ये घटना हृदयविदारक है। घटना के कारणों की जांच की जा रही है और जो भी इस लापरवाही का ज़िम्मेदार होगा, वो बख्शा नहीं जाएगा। दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने नवजात शिशुओं की मौत पर स्वास्थ्य सचिव से रिपोर्ट तलब की है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। जो भी व्यक्ति दोषी हैं। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दुख की घड़ी में सहानुभूति के सारे शब्द कम हैं।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस हादसे में, जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खोया है, हम उनके साथ खड़े हैं। घटनास्थल पर सरकार और प्रशासन के अधिकारी घायलों को इलाज मुहैया करवाने में लगे हुए हैं। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि अस्पताल में सात बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया, जबकि पांच नवजात शिशुओं का इलाज चल रहा है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए जीटीबी अस्पताल ले जाया गया है।

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