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बिहार : कक्षा 12 में बड़ी संख्या में फेल किए जाने पर विद्यार्थी हड़ताल पर

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पटना, 8 जून (आईएएनएस)| बिहार राज्य की बोर्ड परीक्षाओं में कक्षा 12 में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के असफल होने के विरोध में वामदलों से संबंध छात्र संगठनों ने गुरुवार को राज्य में ट्रेन और सड़क सेवाओं को निशाना बनाया। एक पुलिस अधिकारी ने कहा, हाथों में झंडों और बैनरों को लिए सैकड़ों विद्यार्थियों ने आरा, पटना, वैशाली, बेगुसराय, जहानाबाद और गया जिलों में बलपूर्वक ट्रेनों को रोकने की कोशिश की।

अधिकारी ने कहा, आंदोलन कर रहे विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय और राज्य के राजमार्गो को अवरुद्ध करने के अलावा कई स्थानों पर सड़क यातायात को भी बाधित किया।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा समर्थित यह हड़ताल बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (बीएसईबी) द्वारा कराई गई परीक्षा में कक्षा 12 में आठ लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के फेल होने के 10 दिन बाद हुई है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आश्वासन दिया है कि असफल विद्यार्थी अपनी उत्तर पुस्तिकाओं का दोबारा मूल्यांकन या सत्यापन करने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके परिणाम एक महीने के अंदर आएंगे। उन्होंने यह भी वादा किया कि बीएसईबी जल्द ही कंपार्टमेंटल परीक्षा का आयोजन करेगा।

पुलिस ने कहा कि छात्रों का विरोध प्रदर्शन गुरुवार को आठवें दिन जारी रहा। कक्षा 12 में असफल होने वाले हजारों विद्यार्थी अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच और उच्च अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाई करने की लगातार मांग कर रहे हैं।

2017 में हुई परीक्षाओं के परिणाम में विज्ञान, कला और वाणिज्य विषय के विद्यार्थियों के सफल होने का औसत 35.24 था। इस प्रकार परीक्षा में बैठने वाले 12,40,168 में से मात्र 4,47,115 विद्यार्थी सफल हुए।

अधिकारियों द्वारा नकल पर लगाम लगाने के सख्त तरीके अपनाने के बाद यह परिणाम आया है।

2016 में, 62.19 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए थे। जबकि 2015 में यह 87.45, 2013 में 88.04 और 2012 में 90.74 प्रतिशत था।

बीएसईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बड़ी संख्या में फेल होना परीक्षाओं को धोखाधड़ी से मुक्त बनाने के लिए उठाए गए कठोर प्रयासों को बताता है।

2017 में परीक्षा स्थलों के प्रवेश द्वार पर सीसीटीवी कैमरा लगाए गए थे और परीक्षाओं के दौरान वीडियोग्राफी कराई गई थी।

परीक्षा स्थलों पर संचार के लिए उपयोग किए जाने वाले सभी उपकरणों जिनमें मोबाइल फोन शामिल थे, को प्रतिबंधित किया गया था।

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नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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