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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में उल्फा के दो नेताओं को उम्रकैद

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ढाका | बांग्लादेश में युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के दो नेताओं को किशोरगंज की जिला एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश ने आतंकवाद रोधी मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। ‘बीडीन्यूज 24’ की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, किशोरगंज के लक्ष्मीपुर से दोनों लोगों को 17 जुलाई, 2012 को गिरफ्तार किया गया था। उनके पास के कई हथियार भी बरामद हुए थे।

चौधरी उर्फ मेजर रंजन तथा प्रदी मराक बांग्लादेश में साल 1997 से ही रह रहे थे। वे पूर्वोत्तर भारत के अलगाववादियों से संपर्क में थे। गिरफ्तारी के बाद उनके पास से एक पिस्तौल, एक रिवॉल्वर, चार चक्र कारतूस तथा चार ग्रेनेड जब्त किए गए थे। दोनों के खिलाफ शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, अवैध आव्रजन तथा आतंकवाद रोधी अधिनियम के तहत चार मामले दर्ज किए गए थे। चौधरी को शस्त्र अधिनियम तथा आतंकवाद रोधी अधिनियम के मामलों में दोषी पाया गया। वहीं, मराक शस्त्र अधिनियम के मामले में विमुक्त हो गया, जबकि तीन अन्य मामले में दोषी पाया गया।

उल्लेखनीय है कि उल्फा के सह संस्थापक अरविंद राजखोवा को भी ढाका के निकट 30 नवंबर, 2009 को गिरफ्तार किया गया था और भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया था। लेकिन एक जनवरी, 2001 को जमानत मिलने के बाद वह गुवाहाटी सेंट्रल जेल से रिहा हो गए थे। उल्फा के महासचिव अनूप चेटिया को भी ढाका में 21 दिसंबर, 1997 को गिरफ्तार किया गया था। बांग्लादेश की अदालत ने उसे सात वर्षो की जेल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद से वह काशिमपुर जेल में बंद है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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