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प्रादेशिक

इस मशहूर सिंगर को पुलिस ने किया गिरफ्तार, ये बड़ी वजह आई सामने

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चंडीगढ़। कोरोना नियमों के उल्लंघन करना मशहूर पंजाबी सिंगर-एक्टर गिप्पी ग्रेवाल को भारी पड़ गया। नियम तोड़ने के आरोप में शनिवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मामला पटियाला जिले के बनूर का है।

यहां गिप्पी एक फिल्म की शूटिंग कर रहे थे। उनपर आरोप है कि शूटिंग के दौरान उन्होंने कोरोना नियमों का पालन नहीं किया जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हालांकि पुलिस ने यह भी बताया कि बाद में गिप्पी को जमानत पर छोड़ दिया गया।

इस मामले में गिप्पी के अलावा फिल्म क्रू के कुछ अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया था। सभी को बेल पर छोड़ दिया गया है। पुलिस ने बताया कि बनूर गांव में शूट‍िंग साइट पर लगभग 100 लोग जुटे थे, जबकि वहां वीकेंड लॉकडाउन लगा है।

वीकेंड लॉकडाउन को तोड़ने के आरोप में ही गिप्पी और फिल्म क्रू को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिप्पी के ख‍िलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत बनूर पुलिस थाने में केस दर्ज किया गया है।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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