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अन्तर्राष्ट्रीय

बहरीन में 2011 के विरोध प्रदर्शनों के बाद पहला चुनाव

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मनामा| बहरीन में राजशाही के खिलाफ वर्ष 2011 में हुए विफल विरोध प्रदर्शनों के बाद शनिवार को पहला संसदीय चुनाव हो रहा है। हालांकि, शिया विपक्ष ने चुनाव का बहिष्कार करने का आह्वान किया है। शनिवार के संसदीय एवं नगरपालिका चुनाव में लगभग 4,00,000 योग्य मतदाता देश के 53 मतदान केंद्रों पर मतदान कर रहे हैं। इन चुनावों में 40 निर्वाचन क्षेत्रों से 419 उम्मीदवार मैदान में हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बहरीन समाचार एजेंसी से बताया कि चुनाव कार्यकारिणी समिति ने 56 न्यायाधीशों एवं 300 निगरानीकर्ताओं की देखरेख में मतदान केद्रों पर सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।

देश के सूचना मंत्रालय के अनुसार, लगभग 300 स्थानीय और 100 विदेशी मीडियाकर्मी चुनाव की कवरेज करेंगे।

सुप्रीम काउंसिल फॉर इस्लामिक अफेयर्स ने शुक्रवार को बहरीन के लोगों से अपने संवैधानिक अधिकारों का प्रयोग करते हुए चुनाव में भाग लेने का आग्रह किया।

हालांकि, अल वफाक राष्ट्रीय इस्लामी सोसाइटी के नेतृत्व वाला विपक्ष चुनाव का बहिष्कार करेगा।

उनका कहना है कि शिया आबादी, सुन्नी राजतंत्र के भेदभाव की शिकार है। संसद शाह की इच्छा से चलती है, इसके पास वास्तविक शक्तियों की कमी है।

चरमपंथी समूहों द्वारा कुछ इलाकों में चुनाव प्रक्रिया के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि वे ऐसे किसी भी प्रयास ने निपटने के लिए तैयार हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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