अन्तर्राष्ट्रीय
बगदाद बम विस्फोट में 11 मरे, 29 घायल
बगदाद। इराक की राजधानी बगदाद में एक मॉल में हुए कार बम विस्फोट में 11 लोगों की मौत हो गई और अन्य 29 लोग घायल हुए। एक सूत्र के हवाले से बताया गया कि यह घटना शुक्रवार मध्यरात्री से पहले हुई। यह विस्फोट पूर्वी बगदाद के फिलिस्तीन स्ट्रीट के ‘अल-नाखिल’ मॉल के कार पार्क में खड़े एक वाहन में हुआ।
इसमें बताया गया कि एक आत्मघाती हमलावर ने मॉल की इमारत के बाहर व्यस्त सड़क पर अपनी विस्फोटकों से लदी कार को उड़ा दिया। सूत्र के मुताबिक, इस विस्फोट के कारण पार्किं ग में आस-पास खड़ी कई कारों में आग लग गई और मॉल के बाहर कई अन्य कारें क्षतिग्रस्त हो गईं।
इराकी सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके और सड़क को प्रतिबंधित कर दिया है। वहीं, एंबुलेंस और पुलिस के वाहनों ने इन विस्फोटों में घायल और मारे गए लोगों को अस्पताल पहुंचाया। अब तक किसी आतंकवादी संगठन ने इस घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। हालांकि, इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने कई बार इस प्रकार के हमले किए हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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