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अन्तर्राष्ट्रीय

प्रवास त्रासदियों का हो दीर्घकालिक समाधान : एयू

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अदीस अबाबा| अफ्रीकी संघ (एयू) ने अपने सदस्य देशों से प्रवासियों के साथ हो रहीं घटनाएं रोकने के लिए दीर्घकालिक समाधान के प्रयास का आह्वान किया है। एयू ने कहा कि सदस्य देश अपने-अपने देशों को आकर्षक और सुरक्षित बनाएं, ताकि नागरिकों को बेहतर जिंदगी की खोज में खतरनाक प्रवास यात्राएं करने से रोका जा सके।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, बुधवार को इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा स्थित एयू मुख्यालय में प्रवास मृतकों की याद में अफ्रीकी गुट ने स्मारक सेवा का आयोजन किया, जिसमें कूटनीतिज्ञों, एयू साझेदारों, स्थानीय एंव अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, नागरिक संगठनों, धर्म गुरुओं और वापस लौटे प्रवासियों ने भाग लिया।

इस मौके पर एयू के सामाजिक मामलों के आयुक्त मुस्तफा सिद्दीकी कालोको ने प्रवास के इस चलन पर चिंता व्यक्त की जिसमें बेहतर जिंदगी की तलाश में खौफनाक यात्राएं करते हुए युवा अपनी जिंदगियां खो रहे हैं।

अयुक्त ने इस तरह की त्रासदियों से बचने के लिए त्वरित एवं दीर्घकालिक समाधान खोजने की जरूरत को रेखांकित किया।

आयुक्त ने कहा, “मानव तस्करी और अवैध प्रवास के मुद्दों से निपटने के लिए एयू द्वारा की गई पहलों के बावजूद हम यह स्वीकार करते हैं कि चुनौतियां अभी भी बनी हुई हैं तथा अधिक प्रयास करने की जरूरत है।”

कालोको ने कहा, “हमें एक दूसरे पर पूरी ईमानदारी और निष्ठा कायम करने के लिए इन त्रासदियों की जड़ से निपटने के लिए प्रयास करने की जरूरत है।”

इथोपियाई सरकार के प्रतिनिधि वाहादे बेले ने कहा कि प्रवासियों के दुरुपयोग, हिंसा, शोषण के अनुभवों को खत्म करने के लिए व्यापक और सार्वभौमिक प्रतिक्रिया की जरूरत है।

इन दोषों का स्थायी समाधान पाने के लिए साझेदारों ने एयू के साथ काम जारी रखने की पुष्टि की।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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