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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान : होली पर हिंदुओं के लिए रक्षा दल

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इस्लामाबाद | कराची के स्वामी नारायण मंदिर में होली समारोह में शामिल होने के लिए आने वाले हिंदुओं की रक्षा करने और एकजुटता दिखाने के लिए रक्षा दल का गठन किया गया है। डॉन की रपट के मुताबिक, नेशनल स्टूडेंट्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने शुक्रवार को रक्षा दल के गठन का आयोजन किया। इस कार्य का उद्देश्य पाकिस्तान में विभिन्न धार्मिक और जातीय समूहों के बीच आपसी सह-अस्तित्व और सहयोग को बढ़ावा देना है।

एनएसएफ ने इस कार्यक्रम की जानकारी का प्रसार करने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग किया और धार्मिक सहिष्णुता पर अपना दृष्टिकोण साझा करने और इस आयोजन में भाग लेने वालों को ‘ई-विटेशन (इंटरनेट द्वारा भेजे जाने वाले आमंत्रण पत्र)’ भेजे। एनएसएफ के एक सदस्य ने इस संगठन को पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अयूब खां के समय के ‘प्रगतिशील बामपंथी संगठन’ के रुप में वर्णित किया। एनएसएफ के एक सदस्य फबाद हसन ने कहा, “जब हमने इमामबाड़ा में शिया समुदाय के साथ एकजुता दिखाई तो पेशे से चिकित्सक जयपाल छाबरिया हमसे जुड़े और हमारे साथ खड़े हुए, इसलिए यह एक निष्पक्ष समूह है। इसी प्रकार का शिष्टाचार हम पाकिस्तान में विभिन्न प्रकार के अभियोजनों का सामना करने वाले पकिस्तानी हिंदुओं के प्रति रखते हैं।”

उन्होंने हिंदू मंदिरों को अपवित्र करने, उनकी लड़कियों का मर्जी के खिलाफ धर्म परिवर्तन करने, धार्मिक प्रथाओं और संस्कृति पर प्रतिबंध का हावाला देते हुए कहा कि यही कारण है कि हम हिंदुओं की रक्षा के लिए एकजुट हुए हैं। उन्होंने कहा, “समाज को बदलाव दिखाने होंगे, और इन बदलावों का हिस्सा बनना होगा। अगर आज आप किसी के अधिकार के लिए खड़े नहीं हो सकते, तो कल आपको भी निशाना बनाया जाएगा और तब कोई भी आपके अधिकार के लिए खड़ा नहीं होगा।”

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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