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पाकिस्तान से बातचीत में तीसरे पक्ष की गुंजाइश नहीं : भारत

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नई दिल्ली| राजधानी दिल्ली में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता मीरवाइज उमर फारुक और पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित की मुलाकात के एक दिन बाद सोमवार को भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ मुद्दे सुलझाने के लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने का एकमात्र तरीका शांतिपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता है। वह बासित के उस बयान पर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें पाकिस्तान के उच्चायुक्त ने कहा था कि उनकी और हुर्रियत के नेताओं की मुलाकात से भारत सरकार को कोई आपत्ति नहीं है। बासित ने रविवार को हुर्रियत के उदारवादी धड़े के नेता फारुक से रविवार को मुलाकात की थी। इससे पहले उन्होंने हुर्रियत के कट्टरपंथी नेता सैयद अली गिलानी से भी मुलाकात की थी।

पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के कार्यक्रम से इतर सोमवार को बासित ने मीडिया से आग्रह किया कि वह बिना किसी बात का बतंगड़ न बनाए। अकबरुद्दीन ने हालांकि कहा कि पाकिस्तान के साथ लंबित मुद्दों को हल करने के लिए भारत के रुख को लेकर गलतफहमी की कोई गुंजाइश नहीं होनी चाहिए। अकबरुद्दीन ने कहा, “कई अवसरों पर यह बात दोहराई गई है कि तथाकथित हुर्रियत की भूमिका पर भारत के रुख को लेकर किसी तरह की गलतफहमी या गलत बयानी की कोई गुंजाइश नहीं होगी।”

उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के मुद्दों पर केवल दो ही पक्ष हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष के शामिल होने के लिए बिल्कुल जगह नहीं है। उन्होंने कहा, “शिमला समझौते और लाहौर घोषणा के दायरे में दोनों देश सिर्फ शांतिपूर्ण द्विपक्षीय बातचीत के जरिए ही सभी लंबित मुद्दों पर आगे बढ़ सकते हैं।” हुर्रियत कॉन्फ्रेस और कुछ अन्य अलगाववादी नेता सोमवार शाम यहां पाकिस्तान दिवस के समारोह में शामिल हो रहे हैं। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान अपने राष्ट्रीय दिवस पर जिसे भी चाहे उसे बुला सकता है। पिछले साल भारत के आग्रह की अनदेखी कर पाकिस्तान के राजदूत ने कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के साथ मुलाकात की थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी।

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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