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अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान, अमेरिका के बीच होगी परमाणु, रणनीतिक वार्ता

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इस्लामाबाद| पाकिस्तान और अमेरिका अगले सप्ताह वाशिंगटन में परमाणु अप्रसार और सामरिक स्थिरता के मुद्दों पर वार्ता करेंगे। समाचार पत्र ‘डॉन’ की वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के विदेश सचिव ऐजाज अहमद चौधरी 30 मई को वाशिंगटन पहुंचने वाले हैं। उनके साथ विदेश मंत्रालय और सामरिक योजना विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी होगा।

 

बैठक में शामिल होने वाली अमेरिकी टीम का नेतृत्व हथियार नियंत्रण एवं अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा विदेश मंत्री रोज इलेन गोटेमोइलर करेंगी।

एक वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी ने बताया, “यह एक विस्तृत वार्ता होगी। दोनों देश परमाणु अप्रसार और रणनीतिक मुद्दों पर अपना-अपना दृष्टिकोण साझा करेंगे।”

ये वर्ताएं सामरिक संवाद प्रक्रिया का हिस्सा हैं, जिसमें अर्थव्यवस्था, व्यापार, ऊर्जा, आतंकवाद का मुकाबला, कानून-व्यवस्था, रक्षा, परमाणु अप्रसार, शिक्षा तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी जैसे विषय शामिल हैं।

अलकायदा के सरगना और दुनिया के सर्वाधिक वांछित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन के साल 2011 में पाकिस्तान के एबटाबाद में मिलने और फिर अमेरिकी हमलों में उसके मारे जाने के बाद यह संवाद प्रक्रिया बाधित हुई थी। हालांकि अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो साल में दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार हुआ है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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