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परिजन रामेश्वरम में चाहते हैं कलाम की अंत्येष्टि

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चेन्नई| पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम की अंत्येष्टि संभवत: उनके पैतृक गांव रामेश्वर में होगी, जैसी कि उनके परिजनों की इच्छा है। तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि कलाम के परिजन चाहते हैं कि उनकी अंत्येष्टि उनके पैतृक गांव में ही हो।

कलाम के एक करीबी रिश्तेदार ए.पी.जे.एम.के. शेख सलीम ने बताया, “बड़ी संख्या में रिश्तेदार, मित्र, शुभचिंतक और आम लोग रामेश्वरम स्थित कलाम के घर में एकत्रित हुए हैं।”सलीम पूर्व राष्ट्रपति के भाई ए.पी.जे.एम. मरैकयर के बेटे हैं।

अधिकारी ने मंगलवार को बताया, “केंद्र सरकार सामान्यत: इस तरह के मामलों में परिजनों की इच्छाओं पर सकारात्मक विचार करेगी। सरकार ने हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं की है कि पूर्व राष्ट्रपति का पार्थिव शरीर किस तारीख को रामेश्वरम पहुंचेगा।”रामेश्वरम चेन्नई से करीब 600 किलोमीटर दूर है और रामेश्वरम जिले के अंतर्गत आता है।मिसाइल मैन’ कलाम का जन्म रामेश्वर में हुआ था और बचपन बेहद गरीबी में बीता था।अधिकारी के अनुसार, यह सामान्य बात है कि केंद्र सरकार अंत्येष्टि के संबंध में परिजनों की इच्छा का ख्याल रखती है।

सलीम ने कहा कि कलाम के परिजन उनकी अंत्येष्टि के लिए संभावित जगह पर भी विचार-विमर्श कर रहे हैं।पूर्व राष्ट्रपति कलाम का निधन सोमवार शाम मेघालय की राजधानी शिलांग में हुआ।सलीम ने कहा, “कलाम सभी के लिए अच्छे शिक्षक थे। उन्होंने मानवीय और पारिवारिक मूल्य सिखाए। मैंने उनकी कुछ परियोजनाओं में पांच वर्षो तक काम किया।”उन्होंने बताया कि कलाम के रामेश्वरम स्थित आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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