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पंजाब : ऑर्बिट बसों को सड़क से हटाने के आदेश
चंडीगढ़। पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को आदेश दिया कि आर्बिट एविएशन की सभी बसें पंजाब में सड़कों से हटा ली जाएं। यह आदेश ऐसे समय में जारी किया गया है, जब एक दलित किशोरी के साथ बस में छेड़छाड़ फिर उसे बस से फेंकने तथा उसकी मौत होने की घटना को लेकर बादल परिवार पिछले तीन दिनों से आलोचनाओं का सामना कर रहा है। जिस बस में यह दुर्घटना घटी, उस बस का स्वामित्व बादल परिवार के पास है।
पंजाब सरकार के एक प्रवक्ता ने तहा कि बादल ने अपनी ट्रांस्पोर्ट कंपनी के अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया कि बस संचालन से जुड़े सभी कर्मियों को एक उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम के लिए भेजा जाए। प्रवक्ता ने कहा कि आर्बिट बसें बस कर्मचारियों का उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम पूरा होने तक सड़कों पर नहीं दिखेंगी। विपक्षी कांग्रेस ने शनिवार को घोषणा की कि रविवार को भटिंडा में ऑर्बिट ट्रांस्पोर्ट के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा और सोमवार को चंडीगढ़ से लगे मोहाली में कंपनी की बसों को रोका जाएगा।
संगरूर से सांसद भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी आप के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को ऑर्बिट कंपनी की एक मर्सिडीज बेंज बस को रोक दिया। विरोध प्रदर्शन के बाद पंजाब पुलिस ने बादल की कंपनी द्वारा संचालित मर्सिडीज बेंज बसों को पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। कंपनी अन्य वातानुकूलित और गैर वातानुकूलित बसों का संचालन करती है और इन बसों के कर्मचारी कानून-व्यवस्था तोड़ने के लिए कुख्यात हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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