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नागपुर जेल से 5 खतरनाक कैदी फरार, जेल अधीक्षक सस्पेंड

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नागपुर। महाराष्ट्र के नागपुर की सेंट्रल जेल से मंगलवार सुबह पांच कैदी फरार हो गए। इन 5 कैदियों में 3 पर मकोका कानून के तहत कार्रवाई हुई थी। इन्होंने नागपुर शहर में पहले काफी आतंक मचाया था। दो अन्य कैदी मर्डर और आर्म्ड एक्ट के तहत बंद थे। कैदियों की तलाश के लिए पूरे शहर में नाकाबंदी कर पुलिस को मुस्तैद कर दिया गया है। महाराष्ट्र के सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जेल अधीक्षक वैभव कांबले को निलंबित कर दिया है।

नागपुर की सेन्ट्रल जेल से पांच कैदियों के भागने की जानकारी जेल प्रशासन को मंगलवार सुबह 8 बजे मिली। इसके बाद पुलिस को तुरंत सूचना दी गई। जेल से भागे कैदियों में बिशन सिंह, मोहम्मद सईद सलीम खान और सत्येंद्र उर्फ राहुल गुप्ता मकोका के तहत जेल में बंद थे जबकि प्रेम उर्फ नेपाली और आकाश गोलू ठाकुर आर्म्स एक्ट में बंद थे। अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि ये पांचों कैदी कैसे भागने में सफल रहे| फिलहाल कैदियों के फरार होने से जेल प्रशासन की सुरक्षा पर सवाल उठ रहे हैं। इन पांचों का अभी तक का कोई भी सुराग नहीं मिल सका है।

उल्लेखनीय है कि इस जेल में अरुण गवली, याकूब मेनन, पुणे के जर्मन बेकरी ब्लास्ट का आरोपी हिमायत बेग जैसे कुख्यात कैदी भी बंद हैं।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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