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मनोरंजन

नस्लवाद पर नवाजुद्दीन के साथ आईं बॉलीवुड की हस्तियां

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मुंबईनंदिता दास, तापसी पन्नू और तनिष्ठा चटर्जी जैसी लोकप्रिय बॉलीवुड हस्तियों ने राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी के प्रति अपना समर्थन जताया है। नवाजुद्दीन ने नस्लवाद को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में फिल्मोद्योग की निंदा की थी।

नवाजुद्दीन ने 17 जुलाई को मनोरंजन-जगत में उनके साथ हुए भेदभाव के बारे में ट्विटर पर लिखा था, “मुझे यह अहसास कराने के लिए धन्यवाद कि मैं काला और बुरा दिखता हूं, इसलिए गोरी और खूबसूरत लड़की के साथ जोड़ी नहीं बन सकती। लेकिन इस तरफ मैंने कभी ध्यान नहीं दिया।”

इसके बाद बॉलीवुड के कई दिग्गजों ने नवाजुद्दीन के समर्थन में कहा कि भेदभाव केवल फिल्म उद्योग में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में हैं।

तापसी पन्नू : हम रंग के इतने भूखे हैं कि गोरे होने वाली क्रीम बेचते हैं। हमारे वैवाहिक स्तंभों में अभी भी त्वचा के रंग का उल्लेख किया जाता है। इसलिए सिर्फ फिल्म उद्योग को निशाना न बनाएं।

नंदिता दास : यकीनन इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि नवाजुद्दीन की त्वचा के रंग ने उनके कॅरियर को प्रभावित किया होगा। हमारे चारों तरफ महिलाओं और पुरुषों की तस्वीरें गोरी त्वचा वाली हैं। चाहे यह फिल्म हो, टेलीविजन हो, पत्रिकाएं, हॉर्टिग्स, या विज्ञापन.. हर जगह गोरे लोग हैं, जबकि यह देश ज्यादातर काले लोगों का है।

उन्होंने कहा, त्वचा देखभाल से जुड़े हरेक उत्पाद में त्वचा को गोरा करने वाला तत्व होता है। काली त्वचा वालों को अक्सर यह महसूस कराया जाता है कि वे अपूर्ण हैं..और ऐसा बचपन से ही होता है। मैं नवाजुद्दीन के करियर में आई चुनौतियों को समझ सकती हूं। यहां 10 सालों के संघर्ष के बाद वह इस पक्षपात से उबर पाए हैं।

अंशुमन झा : मुझे अपरंपरागत भूमिकाएं मिलती हैं, लेकिन मुझे व्यक्तिगत रूप से नस्लवाद का सामना नहीं करना पड़ा। लेकिन इस उद्योग में आपका लुक मायने रखता है, और इसलिए भेदभाव को तो रहना ही है।

पश्चिम में काले अमेरिकी अभिनेता जेमी फॉक्स की जोड़ी किसी भी अग्रणी हीरोइन के साथ बन सकती है। जबकि, यहां कास्टिंग का मानदंड ही यही होता है कि सामने वाले कलाकार के मुकाबले कोई कलाकार कैसा दिखता है। यहां अभिनय क्षमता को महत्व नहीं दिया जाता है।

तन्निष्ठा चटर्जी : मुझे लगता है कि फिल्म उद्योग रंग को लेकर इतना पक्षपाती नहीं है। हां, विज्ञापन उद्योग में रंग-रूप को लेकर पक्षपात जरूरत है।हमारा समाज बड़े पैमाने पर इन पूर्वाग्रहों से ग्रस्त है। कलाकारों को इस सामाजिक पूर्वाग्रह के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है। मैंने गोरा बनाने वाली क्रीम का विज्ञापन कभी नहीं किया। मैंने खुद को पर्दे पर गोरा दिखाने के लिए कभी भी किसी से नहीं कहा।

पंकज त्रिपाठी : नस्लवाद भारतीय मानसिकता का हिस्सा है। हम इससे बच नहीं सकते। लेकिन नस्लवाद पर नवाजुद्दीन की टिप्पणी को लेकर आई प्रतिक्रिया से यह साबित होता है कि मानसिकता बदल रही है।

 

मनोरंजन

फिर बढ़ी एल्विश यादव की मुश्किलें, ईडी ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस

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नई दिल्ली। बिग बॉस ओटीटी 2 विनर और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब ईडी ने एल्विश के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सांपों के जहर सप्लाई से ही जुड़ा हुआ है। केंद्रीय एजेंसी ने पिछले महीने उत्तर प्रदेश में नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश और अन्य लोगों के खिलाफ दायर एक एफआईआर और आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद प्रिवेंशन मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है।

इसके अलावा खबर ये भी है कि ईडी एल्विश यादव के साथ-साथ बड़े होटल रिसॉर्ट्स और फार्म हाउस के मालिकों से भी पूछताछ करेगी। बता दें कि नोएडा पुलिस द्वारा एल्विश यादव को गिरफ्तार किया गया था। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। ईडी ने एल्विश पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।

एल्विश यादव को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक मामले में 17 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। सांप के जहर तस्करी मामले में एल्विश यादव गौतमबुद्ध नगर की बक्सर जेल में बंद थे। 17 मार्च को एल्विश को पांच अन्य लोगों के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने एक बैंकेट हॉल में छापा मारकर 4 सपेरों समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था और 9 सांप और उनका जहर बरामद किया गया था। एल्विश यादव पर आरोप है कि वह रेव पार्टी के लिए सांपों के जहर का इंतजाम करते थे और सांपों का इस्तेमाल अपने वीडियो शूट के लिए भी करते थे।

दरअसल साल 2023 के अंत में पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के पदाधिकारी ने एल्विश यादव और उनके साथियों पर सांपों के जहर का इस्तेमाल और खरीद-फरोख्त का आरोप लगाते हुए सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज कराया था। इसके बाद पुलिस ने पार्टी वाली जगह पर रेड की थी, जहां पांच सेपेरों के पास से कोबरा समेत नौ सांप और 20 एमएल जहर मिला था। इसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था।

इसके बाद संस्था के पदाधिकारी का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें मुख्य आरोपी राहुल संस्था के पदाधिकारी से बात करता सुनाई देता है। इसमें राहुल कह रहा है कि वह एल्विश की ओर से आयोजित होने वाली पार्टियों में शामिल हो चुका है। राहुल पार्टियों में अपने अन्य सपेरे दोस्तों के साथ गया था। हालांकि, बाद में सभी को जमानत मिल गई थी। पुलिस टीम ने एल्विश यादव के कॉल डिटेल और सोशल मीडिया अकाउंट को खंगाला, जब उसके खिलाफ नोएडा पुलिस को पर्याप्त सबूत मिल गए तो पुलिस ने उसे नोटिस देकर पूछताछ के लिए दोबारा बुलाया। पूछताछ के बाद उसे नोएडा से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। पांच दिन तक जेल में रहने के बाद एल्विश जमानत पर छूट गया।

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