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अन्तर्राष्ट्रीय

नमाज न पढ़नेवालों को जलाकर मार डालो : इमाम

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इथोपियन, स्विट्जरलैंड, मुसलमान, इमाम

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जिनेवा। स्विट्जरलैंड की एक मस्जिद में मुसलमानों के खिलाफ इथोपियाई मूल के एक इमाम पर हिंसा भड़काने का मामला दर्ज हुआ है। आरोप है कि इमाम ने इस्लामी कायदों का पालन न करने वाले मुसलमानों की हत्या किए जाने की अपील की थी। शुक्रवार को जारी बयान में बताया गया कि इमाम पर हिंसा को बढ़ावा देने के साथ-साथ कुछ अन्य आरोपों के तहत मामला दर्ज हुआ है।

रशिया टुडे ने खबर के बारे में बताया है कि इल्जाम है कि 21 अक्टूबर 2016 को स्विट्जरलैंड के विंटरटुअर स्थित अन नूर मस्जिद में इमाम ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया है।

आरोपित इमाम ने वहां मौजूद लोगों से कहा कि जो भी मुसलमान मस्जिद में होने वाली नमाज में शामिल होने से इनकार करते हैं, उनकी हत्या कर दी जानी चाहिए।

उसने नमाज में शरीक न होने वाले ऐसे मुसलमानों को बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही यह भी कहा कि अगर इस कार्रवाई के बाद भी ये लोग नमाज में नहीं आते और इबादत करने से इनकार करते हैं तो उन्हें उनके घरों में जलाकर मार देना चाहिए।

आरोपी इमाम का नाम अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। आरोपित पर सोशल मीडिया की ओर से हत्या का क्रूर वर्णन किए जाने का भी मामला दर्ज किया गया है। साथ ही उस पर बिना परमिट के स्विट्जरलैंड में काम करने का भी मामला है।

पुलिस ने कथित बयान का सबूत मिलने के बाद नवंबर 2016 में ही मस्जिद पर छापेमारी की। आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। तब से ही वह पुलिस हिरासत में है। मामले में इमाम के अलावा तीन अन्य लोगों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की
गई है।

जिस मस्जिद में यह घटना हुई, उस पर पहले भी कई बार कट्टरपंथी इस्लामिक गतिविधियों को मदद देने का आरोप लग चुका है। पुलिस पहले भी कई बार इस मस्जिद पर छापा मार चुकी है।  मस्जिद जिस इमारत चल रही थी, उसके मकानमालिक ने किराये का अनुबंध बढ़ाने से इनकार कर दिया था।

इस वजह से जून के आखिर में इस मस्जिद को बंद करना पड़ा। दोषी पाए जाने पर इमाम को स्विट्जरलैंड से वापस इथोपिया भेजा जा सकता है। उस पर 15 साल के लिए स्विट्जरलैंड में प्रवेश न करने का प्रतिबंध भी लगाया जा सकता है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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