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मनोरंजन

दर्शकों को मेरी सहजता पसंद आई : तापसी पन्नू

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tapsee-pannuकोलकाता। एक्ट्रेस तापसी पन्नू का कहना है कि पर्दे पर दर्शकों को उनकी सहजता पसंद आई और इसी ने उनके पक्ष में काम किया। पन्नू ने गुरुवार को शहर में यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैं प्रशिक्षित कलाकार नहीं हूं, लेकिन मुझे लगता है कि पर्दे पर लोगों को मेरी सहजता पसंद आई और यही मेरे पक्ष में है।

कॉमेडी फिल्म ‘चश्मे बद्दूर’ के साथ अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत करने वाली दक्षिण भारतीय अभिनेत्री इन दिनों अपनी रोमांटिक कॉमेडी ‘रनिंग शादी डॉट कॉम’ की रिलीज के इंतजार में हैं। यह शूजित सरकार द्वारा निर्मित है।

फिल्म के बारे में उन्होंने कहा, “मेरी पिछली फिल्में ‘बेबी’ और ‘पिंक’ मेरी सहजता क्षेत्र से बाहर थी और मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की। यह मेरे लिए आसान और मजेदार था क्योंकि पर्दे पर मैंने यह भूमिका निभाई। एक कलाकार इससे ज्यादा क्या कर सकता है।”

बॉलीवुड में अब तक तीन फिल्मों में काम कर चुकीं तापसी ने बताया कि दर्शकों को इस बार उनकी अधिक फिल्में देखने को मिलेंगी, क्योंकि इस साल उनकी पांच फिल्में रिलीज होंगी।

प्रादेशिक

सीएम सुक्खू के मंत्री का विवादित बयान, कहा- कंगना को कोई बिना मेकअप देख ले तो दूसरी बार नहीं देखेगा

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नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कंगना रनौत के चेहरे को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसके बाद उनका काफी विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा कि कंगना रनौत अपने कार्यक्रमों में मेकअप करके आती है। मेकअप वाली टीम भी हमेशा उनके साथ रहती है। मेकअप को देख ही लोगों की भीड़ उन्हें देखने आती है। अगर सुबह के समय कोई व्यक्ति कंगना को बिना मेकअप देख लें तो दूसरी बार नहीं देखेगा।

उधर कंगना ने भी नेगी केइस बयान पर पलटवार किया है। कंगना ने कहा कि उन्होंने फिल्मों में बिना मेकअप के भी रोल निभाए हैं। आज अगर वह अच्छे कपड़े पहनकर और पाउडर-लिपस्टिक लगाकर जनता से मिलना चाहती हैं तो उसमें भी यह आपत्ति जताते हैं। कंगना ने आगे कहा कि उन्हें समझ नहीं आता कि शक्ल से उनको क्या परेशानी हो गई। क्या इनके खूबसूरत चेहरों पर वोट दिए हैं। सुक्खू जी को लगता है उनकी खूबसूरत शक्ल पर वोट मिले हैं।

कंगना ने आगे कहा कि राजनीति में एक भाव है और यह भाव किसी में भी आ सकता है। किसी का चेहरा कैसा है या आपकी उम्र और लिंग क्या है यह देश इस सबसे बाहर निकलकर काफी आगे जाना चाहता है। ये देश की बहनों को काली-पीली और उनकी शक्ल को लेकर बातें करते हैं। उन्हें मेरी शक्ल से क्या लेना-देना। मेरी शक्ल चाहे जैसी भी हो जब तक मैं बुजुर्गों भाइयों, माता-बहनों और बच्चों की सेवा में तत्पर हूं तो मेरी शक्ल से तुम्हें क्या लेना-देना। आपको बता दें कि कंगना अलग-अलग इलाकों में जाकर वहां की वेशभूषा पहन रही हैं।

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