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अन्तर्राष्ट्रीय

डेनमार्क में रह रहा संदिग्ध ब्रिटिश आतंकवादी

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लंदन| मैनचेस्टर (ब्रिटेन) के एक संदिग्ध आतंकवादी के डेनमार्क में रहने की खबर मिली है, जिसकी ब्रिटेन वापसी पर प्रतिबंध लगाया गया है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, डेनमार्क के नागरिक अहमद हालाने (22) की परवरिश ब्रिटेन के बोल्टन और चार्लटन शहरों में हुई है। उस पर विदेश में आतंकवादी संगठनों के साथ जुड़ा होने का संदेह है।

अहमद की दो छोटी बहनें जहरा और सलमा हालाने भी पिछले साल जून महीने में जिहादी बनने के लिए सीरिया गई थीं।

सूत्रों के अनुसार, अहमद ने सीरिया और सोमालिया में जिहादी गुटों के साथ काम किया है।

इस समय वह डेनमार्क के अरहुस शहर में रह रहा है और यूरोपीय संघ के देशों में उसे बेरोकटोक यात्राएं करते देखा गया है, जबकि ब्रिटिश सरकार ने उसे सुरक्षा की दृष्टि से खतरनाक बताया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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