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जल्लीकट्टू का साइड इफेक्ट, कोकाकोला-पेप्सी का बहिष्कार का ऐलान

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coca-cola-pepsiचेन्नई। तमिलनाडु में व्यापारियों के एक अग्रणी तबके ने पहली मार्च से सॉफ्ट ड्रिंक कोकाकोला और पेप्सी के बहिष्कार का ऐलान किया है।

व्यापारियों के संगठन तमिलनाडु वानिगर संगंगालिन पेरामाइप्पु (टीएनवीएसपी) के नेता दुकानदारों से काली मार्क, बोवोंतो और तोरिनो जैसे स्थानीय ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए कह रहे हैं। उनका कहना है कि स्थानीय ब्रांड की आपूर्ति बढ़ाकर इन दो बड़े बहुराष्ट्रीय कोला ब्रांड का विकल्प लोगों के सामने रखा जाना चाहिए।

व्यापारी नेताओं का कहना है कि काफी हद तक वे इस बात के लिए युवाओं द्वारा जल्लीकट्टू खेल के आयोजन के लिए राज्य के लोगों की बड़े पैमाने पर की गई लामबंदी से प्रेरित हुए हैं। टीएनवीएसपी के अध्यक्ष विक्रम राजा ने कहा, “जल्लीकट्टू आंदोलन के बाद, हमने पाया कि कई युवा इन दो कोला ब्रांड (कोकाकोला और पेप्सी) के पक्ष में नहीं हैं।” लेकिन, राजा इस बात को समझा नहीं सके कि जल्लीकट्टू (जिसे अब वैधानिक मान्यता मिल चुकी है) पर रोक के खिलाफ चलाए गए अभियान का संबंध कोक और पेप्सी को नापसंद करने से कैसे है।

राजा ने कहा, “हम पहली मार्च से अपने सदस्यों और लोगों के बीच इन विदेशी ब्रांड के खिलाफ मुहिम शुरू करेंगे। हम केवल स्थानीय कोल्ड ड्रिंक बेचेंगे।” टीएनवीएसपी छह हजार व्यापारी संघों का समूह है। पूरे तमिलनाडु में इसके करीब 15 लाख सदस्य हैं। राजा ने बताया कि बोवोंतो पूरे राज्य में उपलब्ध है जबकि तोरिनो तमिलनाडु के दक्षिणी हिस्से में सीमित है। उन्होंने कहा कि जब मांग बढ़ेगी तो ब्रांड स्वामी अपने उत्पाद की आपूर्ति बढ़ाएंगे और दुकानदार उन्हें बेचेंगे।

चेन्नई के दुकानदार बहिष्कार के इस फैसले से वाकिफ हैं। दक्षिण चेन्नई के मयलापुर में दुकान चलाने वाले आर.के.अंगामुथु ने कहा, “हमें अपनी एसोसिएशन के निर्णय को मानना होगा। हमने पेप्सी और कोक मंगाना बंद कर दिया है। लेकिन, हम अपने पास मौजूद स्टॉक को बेचेंगे।”

इंडियन बेव्रेजेस एसोसिएशन (आईबीए) ने इस घटनाक्रम पर चिंता जताई है। आईबीए के महासचिव अरविंद वर्मा ने कहा कि उन्हें व्यापारी संगठन के फैसले से ‘गहरी निराशा’ हुई है। उन्होंने कहा, “यह आह्वान न केवल किसानों, व्यापारियों और दुकानदारों के हितों के खिलाफ है, बल्कि यह आर्थिक तरक्की और विकास में उद्योग की भूमिका को भी कमजोर बनाने वाला है।”

उन्होंने कहा कि कोकाकोला और पेप्सी, दोनों की देश की अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका है। इन्होंने साढ़े तीन लाख लोगों को रोजगार दे रखा है और करीब पांच लाख किसानों और 40 लाख दुकानदारों की आजीविका में भी इनकी बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि वह लोगों और संगठनों से अफवाहों और गलत सूचना से बचने की अपील करते हैं। उन्हें उम्मीद है कि सभी को सद्बुद्धि आएगी और मसला सुलझ जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, कोयंबटूर में कुछ होटलों ने कोक व पेप्सी का बहिष्कार शुरू भी कर दिया है।

नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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