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जनरल टिकट वालों के लिए प्रभु की तरफ से खुशखबरी
नई दिल्ली। जनरल टिकट से यात्रा करने वाले यात्रियों को सुरेश प्रभु ने अच्छी खबर दी है। जी हां, जनरल टिकट वाले यात्रियों को अब टिकट खिड़की पर घंटों इंतजार करने और लंबी-लंबी लाइनों में लगने से छुटकारा मिलने वाला है।
दरअसल भारतीय रेलवे ने पिछले दिनों एक बड़ा फैसला लेते हुए यह कोशिश की है कि बैंक एटीएम की तरह रेल टिकट भी एटीएम से मुहैया करवाए जा सके। एक मीडिया रिपोर्ट की माने तो रेलवे ने साल 2016 में इसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ में एक पायलट प्रॉजेक्ट शुरू किया था। जिसके नतीजे अब आने लगे हैं।
अगर इस रिपोर्ट की माने तो रेलवे बोर्ड और भारतीय स्टेट बैंक के अधिकारियों के बीच हुई वार्ता के निर्णय के मुताबिक, सेंटर फॉर रेलवे इन्फार्मेशन सिस्टम (क्रिस) ने सॉफ्टवेयर तैयार करना शुरू कर दिया है। वहीं अधिकारियों के पास इस योजना के दो ब्लूप्रिंट हैं। पहला यह है कि एटीएम को ही अपग्रेड कर यह सुविधा दी जाए। वहीं दूसरा विचार यह है कि एटीएम के साथ ऑटोमैटिक टिकट वेंडिंग (एटीवी) मशीन लगाई जाए। रेलवे का मत है कि चुनिंदा एटीएम पर एटीवी लगाए जाएं। इस तरह लोगों को जल्दी सुविधा दी जा सकेगी।
वहीं पिछले दिनों झारखंड के टाटानगर रेलवे स्टेशन पर एसबीआई ने ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन (एटीवीएम) लगाई है। जिसका इस्तेमाल टिकट निकालने के लिए किया जाता है। इसमें यात्रियों की सुविधा के लिए टिकट प्रिंट होकर के बाहर निकल आएगा। इन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि आपके पास डेबिट कार्ड नहीं है तो भी आप टिकट ले सकते हैं। क्योंकि इसमें सिक्के या नोट डालने पर भी टिकट निकल सकता है।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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