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केरल के मुख्यमंत्री का सिर काटने वाले को एक करोड़ का इनाम : संघ पदाधिकारी

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन महानगर, केरल के मुख्यमंत्री

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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, उज्जैन महानगर, केरल के मुख्यमंत्री

उज्जैन | राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की उज्जैन महानगर इकाई के प्रचार प्रमुख डॉ. कुंदन चंद्रावत ने केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन का सिर काटकर लाने वाले को एक करोड़ रुपये का इनाम देने का ऐलान किया है। चंद्रावत ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि उन्हें बुधवार के अपने बयान पर कोई पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा, “केरल की वामपंथी सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। संघ की शाखा लगाने वालों की हत्या की जा रही है।”

केरल में संघ कार्यकर्ताओं पर हो रहे हिंसक हमलों के विरोध में बुधवार को जनाधिकार समिति द्वारा आयोजित सभा में चंद्रावत ने कहा था, “हिंदुओं के खून में शिवाजी का जज्बा नहीं रहा। मैं घोषणा करता हूं कि जो भी व्यक्ति केरल के मुख्यमंत्री का सिर काटकर लाएगा, उसे मैं अपनी संपत्ति से एक करोड़ रुपये का इनाम दूंगा।”

चंद्रावत ने कहा, “मेरे पास इतनी संपत्ति है कि मैं उसे बेचकर इनाम दे सकता हूं। मेरा मकान ही एक करोड़ रुपये का है और जो यह काम करेगा, उसे मकान बेचकर इनाम दूंगा। मैं इनाम की घोषणा इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि ऐसे गद्दारों को देश में रहने का अधिकार नहीं है।”

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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