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चुनाव की घोषणा होते ही बसपा घोषित कर देगी अपने 403 प्रत्याशी : मायावती

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Mayawatiलखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) में चल रहे घमासान देखकर मुस्लिम वोटों को लेकर चिंता जताई है और यह भी कहा कि दलित नासमझ नहीं हैं कि अंबेडकर का नाम इस्तेमाल करने से किसी के बहकावे में आ जाएं। उन्होंने कहा कि चुनाव की घोषणा होते ही सभी 403 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी जाएगी और वह अंतिम होगी।

मायावती ने मंगलवार को लखनऊ में मीडिया से बात करते हुए सपा में चल रहे घमासान पर कहा कि अखिलेश व शिवपाल खेमे में वोट बंटेंगे। इससे मुसलमानों के वोट बंटेंगे, इससे भाजपा मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि यूपी में यादव का वोट 5 प्रतिशत ही है, जो 60-70 विधानसभा सीटों पर ही निर्णायक वोट होता है।

मायावती ने कहा कि ओबीसी और सवर्णों को भी बसपा का टिकट दिया गया है। इससे इन प्रत्याशियों को उनकी जाति के साथ दलित वोट भी मिलेगा। दलितों को पता है कि बसपा उनके लिए संघर्ष करती है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की 87 सीटों पर एससी और मुस्लिमों को 97 सीटों पर बसपा ने टिकट दिया है, जबकि 106 टिकट ओबीसी को दिए गए हैं। बसपा ने सवर्णों को 113 टिकट दिए हैं। इसमें 66 ब्राह्मण, 36 क्षत्रिय और 11 अन्य हैं।

मायावती ने कहा कि बसपा जातिवादी पार्टी नहीं है। उन्होंने कांग्रेस को भी निशाने पर लेते हुए वोट न बांटने की अपील की। मायावती ने जनता से अपील की कि सर्वजन की नीतियों पर चलने वाली बसपा की सरकार बनाएं।

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा निजीकरण कर रही, इसलिए आरक्षण का फायदा कम मिल रहा है। बसपा ने अपने शासनकाल में सारे वर्गों को भागीदारी दी। साथ ही आर्थिक आधार पर भी आरक्षण की पुरजोर सिफारिश की है।

मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 31 दिसंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन को निराशाजनक बताया और कहा कि दो जनवरी को लखनऊ में मोदी ने भाषण विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर दिया। केंद्र सरकार बहुमत के अहंकार में है।

नोटबंदी को अपरिपक्व फैसला बताते हुए मायावती ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में नोटबंदी काला अध्याय बन गया है। केंद्र सरकार की गलत कार्यशैली के कारण लोगों में चिंता बरकरार है। लोग सोच रहे हैं, मोदी सरकार कब कौन मुसीबत खड़ी कर दे, इसका ठिकाना नहीं। लोगों का भरोसा टूटा है।

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 31 दिसंबर को मोदी के टीवी संबोधन के दौरान देशवासी ठोस व बुनियादी फैसलों के इंतजार में थे, पर उन्हें निराश होना पड़ा। किसानों को जहां कर्जमाफी की आशा थी, वहीं गरीबों को अपने खाते में 15-20 लाख रुपये आने की घोषणा का इंतजार था। हालांकि उन्होंने उस दिन जो वादे किए थे, वह भी पूरे होने वाले नहीं हैं।

बसपा मुखिया ने कहा कि कालाधन और भ्रष्टाचार के नाम पर नोटबंदी को लेकर जनता नाराज है। यह सरकार नोटबंदी को लेकर अपने फैसले बदलती रही। अपने वायदे के मुताबिक इनको यह बताना चाहिए था कि अब तक कितना कालाधन पकड़ा गया। मोदी को ये बताना चाहिए था कि भ्रष्टाचार कितना कम हुआ। नोटबंदी के 50 दिन पूरे होने पर सरकार रिपोर्ट दे।

उन्होंने कहा कि मोदी ने कहा कि यूपी चुनाव उनके लिए जिम्मेदारी है। यह बसपा के लिए भी जिम्मेदारी है, प्रदेश को गुंडागर्दी से मुक्त कराने की। मायावती ने कहा कि मोदी ने कहा कि बसपा अपना पैसा बचाने में लगी है, जबकि बसपा अपने कार्यकर्ताओं का पैसा बचाने में लगी है। मगर भाजपा तो जनता के पैसे से धन्नासेठों को फायदा पहुंचाने में लगी है।

नेशनल

‘जल्द करनी पड़ेगी शादी’, राहुल गांधी ने मंच से किया एलान

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रायबरेली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार के लिए आज रायबरेली पहुंचे। जहां उन्होंने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल गांधी से जनता में से किसी ने शादी को लेकर सवाल पूछा जिस पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरी बहन प्रियंका गांधी मेरी मदद के लिए यहां अपना खून पसीना आपको दे रही है। जिस पर प्रियंका गांधी ने राहुल गांधी से शादी के सवाल की तरफ इशारा करते हुए कहा कि पहले इस सवाल का जवाब दो। जिसके जवाब में मुस्कुराते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब जल्द ही करनी पड़ेगी।

इस दौरान राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित बताया कि किस वजह से वो रायबरेली से चुनाव लड़ने आएं हैं। उन्होंने कहा, ‘कुछ दिन पहले मैं मां (सोनिया गांधी) के साथ बैठा था। मैंने मां से कहा कि एक-दो साल पहले मैंने एक वीडियो में कह दिया कि मेरी दो माता थी एक सोनिया गांधी और दूसरी इंदिरा गांधी। मेरी दोनों माताओं की ये कर्म भूमि है इसलिए मैं यहां रायबरेली से चुनाव लड़ने आया हूं।

राहुल गांधी ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार आते ही कर्जा माफ करना पहला काम होगा। दूसरा काम किसानो के लिए कानूनी सपोर्ट प्राइस लेके आयंगे। राहुल गांधी ने तीसरा काम गिनाते हुए कहा कि किसानो को 30 दिन के अंदर बीमा का पैसा देना तीसरा काम होगा।

राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि बीजेपी के नेताओं ने साफ कहा की अगर चुनाव जीते तो संविधान को बदल देंगे। संविधान के बिना अडानी और अंबानी की सरकार होगी। आरक्षण और आपको जो भी चीजे मिलती है वो सब खत्म हो जाएंगी। राहुल गांधी ने आगे कहा कि संविधान खत्म होने से आपका रास्ता खत्म हो जाएगा. ये लड़ाई संविधान को बचाने की है।

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