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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन-पाकिस्तान को मिलेगा करारा जवाब, रूस से मिली सुपर पावर एस-400

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सेंट पीटर्सबर्ग। रूस ने गुरुवार को कहा कि वह भारत को विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 ट्रायम्फ की आपूर्ति के लिए तैयारी कर रहा है। इसके लिए दोनों सरकारें शर्तों पर ‘सामान्य चर्चा’ कर रही हैं। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूस दौरे की महत्वपूर्ण सफलताओं में से एक माना जा रहा है।

रूस के डिप्टी पीएम दिमित्री रोगोजिन ने भारत को जल्द ही विमान भेदी मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति करने का ऐलान किया है। इसे हासिल कर लेने के बाद हमारी सेना पाकिस्तान और चीन की 36 परमाणु मिसाइलों को एक साथ गिरा सकेगी।

  • जानिए क्या हैं खासियत
    एस-400 ट्रायम्फ लॉन्ग-रेंज एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम में दुश्मन के आने वाले लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और यहां तक कि 400 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर उड़ रहे ड्रोन को नष्ट कर सकता है।
  • एस-400 मिसाइल में एक बार में चार मिसाइलें लोड हो सकती हैं।
  • यह पाकिस्तान या चीन की 36 न्यूक्लियर पावर्ड बैलिस्टिक मिसाइलों को एक वक्त में एक साथ टारगेट कर सकेगा। यह सिस्टम इंडियन आर्मी को जबर्दस्त शील्ड देगा।
  • पाकिस्तान के लाहौर, कराची समेत कई महत्वपूर्ण शहर इसकी जद में रहेंगे। अगर कहीं से भी कोई मिसाइल लॉन्च किया जाता है तो भारत उसे उनके ही देश में नष्ट कर सकता है। इसी तरह चीन को भी हवा में ही करारा जवाब देने को ये एंटी मिसाइल टेक्नोलॉजी सक्षम है।

हालांकि चीन पहले ही रूस से ये मिसाइल खरीदकर अपनी सेना में शामिल कर चुका है, इसलिए कहा जा सकता है कि किसी भी तरह के हमले से बचने के लिए भारत का इस मिसाइल को खरीदना जरूरी था।

रूस के डिप्टी प्राइम मिनिस्टर दिमित्री रोगोजिन ने कहा है कि भारत को एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम देने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि ये कहना मुश्किल है कि पूरी डील होने में कितना वक्त लगेगा। दोनों देशों के बीच एग्रीमेंट हो गया है। टर्म्स और कंडीशंस को लेकर बातचीत चल रही है।

अन्तर्राष्ट्रीय

इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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