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गलत साबित हुई पांच लाख करोड़ ब्लैक मनी जमा होने की उम्मीद

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black-moneyनई दिल्ली। सरकार द्वारा नोटबंदी के प्रमुख कारणों में ब्लैक मनी पर अंकुश लगाने की बात कही गई थी। कई अनुमानों में इस तरह के धन की मात्रा तीन लाख करोड़ रुपये से पांच लाख करोड़ होने की बात कही गई थी, जबकि इतनी रकम बैंकों में जमा होने की कोई उम्मीद नहीं है। अब तक जमा धनराशि के रुझानों और अनुमानों को देखें तो जितना कालाधन जमा होने की उम्मीद थी, यह उससे बहुत कम हो सकता है।

राज्यसभा में मंगलवार को एक उत्तर में वित्त राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि आठ नवंबर, 2016 तक मोदी के दो उच्च मूल्य वाले नोटों को अमान्य किए जाने की घोषणा तक 17.165 अरब की संख्या में 500 रुपये के नोट और 6.858 अरब की संख्या में 1000 रुपये के नोट प्रचलन में थे।

उस दिन तक प्रणाली में उच्च मूल्य के नोटों में कुल राशि 15.44 लाख करोड़ रुपये या 225 अरब डॉलर (8.58 लाख करोड़ रुपये 500 रुपये के नोट में और 6.86 लाख करोड़ रुपये 1000 रुपये) थी। हालांकि भारत के सभी वाणिज्यिक बैंकों को अपने पास जमा की गई राशि का एक निश्चित अनुपात रिजर्व बैंक में रखना होता है, जिसे नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कहते हैं। यह राशि 4.04 लाख करोड़ रुपये है, जो मुद्रा के रूप में नहीं होती है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 28 नवंबर को घोषणा कि बैंकों में 10 नवंबर से 27 नवंबर के बीच पुराने बंद किए गए नोटों के रूप में 8.45 लाख करोड़ रुपये या 124 अरब डॉलर (8,44,962 करोड़) की रकम जमा हुई है। बैंक नौ नवंबर को बंद थे।

विशेषज्ञों के मुताबिक, बाकी बचे 33 दिनों में इस हिसाब से जितनी रकम बैंकों में जमा होने का अनुमान है, वह अबतक के सरकार और बैंकों द्वारा लगाए गए अनुमानों से काफी अधिक है। इस तरह से जो काले धन का अनुमान लगाया गया है, वह गलत साबित हो जाता है।

इसका मतलब यह है कि या तो काला धन बड़े नोटों के रूप में नहीं है या फिर जिनके भी पास इन नोटों के रूप में काला धन था, वे इसे बैंकिंग प्रणाली में डाल चुके हैं। इसलिए किसी भी हालत में तीन लाख करोड़ रुपये से पांच लाख करोड़ रुपये का काला धन होने का अनुमान नहीं टिकता है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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