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अरविंद केजरीवाल ने नोटबंदी पर श्वेत पत्र की मांग की

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Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal Sacks Minister Asim Ahmed Khan Over Corruption Chargesनई दिल्ली। नोटबंदी को एक ‘बड़ा घोटाला’ बताते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को इसकी स्वतंत्र जांच कराने और इस पर एक श्वेत पत्र जारी करने की मांग की। आम आदमी पार्टी (आप) नेता ने यहां संवाददाताओं से यह भी कहा कि गत 8 नवम्बर को 86 प्रतिशत नोट अर्थव्यवस्था से वापस लेने के फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दुनिया भर में मजाक के एक पात्र बन गए हैं।

उन्होंने कहा, “दुनिया भर में मोदी का मजाक उडऩा शुरू हो गया है। कम से कम (पूर्व प्रधानमंत्री) मनमोहन सिंह को दुनिया में सम्मान तो प्राप्त था।” केजरीवाल ने कहा, “नोटबंदी आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला है। पूरी कवायद राजनीतिक और भ्रष्टाचार द्वारा निर्देशित थी।”

आप नेता ने दावा किया कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कट्टर समर्थक भी मोदी के शनिवार के संबोधन से निराश हैं क्योंकि वह यह उल्लेख करने में विफल रहे कि लोग अपने बैंक खातों से कब तक इच्छानुरूप राशि निकालना फिर से शुरू कर सकते हैं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “नोटबंदी के मामले में एक स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। नोटबंदी के कथित लक्ष्यों और उसकी वास्तविक उपलब्धियों पर एक श्वेत पत्र भी जारी किया जाना चाहिए।” केजरीवाल ने कहा कि गत 8 नवम्बर के बाद औसत विकास दर और औद्योगिक एवं कृषि उत्पादन में हुई गिरावटों का श्वेत पत्र में विस्तृत उल्लेख होना चाहिए।

केजरीवाल ने कहा कि आप नोटबंदी के सबसे मुखर आलोचकों में रही है क्योंकि इससे देश में अभूतपूर्व नकदी की कमी उत्पन्न हुई है।

उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा कठिनाइयां झेलने के बावजूद गत 8 नवम्बर को मोदी द्वारा दिए भाषण का कोई भी कथित उद्देश्य हासिल नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं हुई है। कालाधन समाप्त नहीं हुआ है और आतंकवाद के वित्त पोषण का अंत नहीं हुआ है।

आप नेता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर नकदी की कमी के दौरान और उससे पहले कालाधन सफेद करने का आरोप लगाया और जानना चाहा कि नकदी रहित हस्तान्तरण के लिए मोदी पेटीएम को क्यों बढ़ावा दे रहे हैं।

केजरीवाल ने पूछा, “क्या मोदी ने पेटीएम से रिश्वत ली है? नोटबंदी से पेटीएम सबसे बड़ा लाभार्थी है।” आप नेता ने दिल्ली मेट्रो के उस आदेश की निंदा की जिसके तहत कुछ चुनिंदा मेट्रो स्टेशनों पर केवल पेटीएम से भुगतान स्वीकार किए जाएंगे। उन्होंने कहा, “वे (मेट्रो) यह नहीं कर सकते हैं। वे एक कंपनी को बढ़ावा नहीं दे सकते हैं..मैं उनसे पूछूंगा। हो सकता है कि वे दबाव में हों।”

बाद में रोहतक में एक रैली को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि नोटबंदी के पीछे मोदी की सोच न तो भ्रष्टाचार से लडऩा है और न ही कालाधन समाप्त करना है। आप नेता ने कहा, “वह एक के बाद एक रैली में कहते रहे हैं कि मोदी ने 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला कॉरपोरेट घरानों को राहत पहुंचाने के लिए किया है। इन लोगों ने बैंकों से बड़े ऋण लिए हैं और बकाया भुगतान नहीं किए हैं।” उन्होंने कहा कि बैंकों में लोगों द्वारा जमा कराए गए पुराने नोटों का उपयोग न चुकाए गए ऋणों को खत्म करने में किया जाएगा।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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