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कपिल का साथ न छोड़ने पर अड़े सिद्धू, कैप्टन बोले- बदल देंगे मंत्रालय
नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी को नवजोत सिंह सिद्धू के टीवी शो में काम करने से कोई समस्या नहीं है, बशर्ते यह संवैधानिक रूप से जायज है। सिद्धू के बारे में पूछे जाने पर कि क्या वह टीवी शो ‘कपिल शर्मा शो’ में काम जारी रखेंगे? राजधानी पहुंचे अमरिंदर ने कहा कि यदि यह संवैधानिक और कानूनी रूप से स्वीकार्य है, तो उन्हें इससे कोई समस्या नहीं है।
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने राज्य के अटॉर्नी जनरल अतुल नंदा से चर्चा की कि क्या सिद्धू वैधानिक रूप से किसी टीवी शो का हिस्सा बन सकते हैं? अमरिंदर ने कहा, अगर ऐसा संभव है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। हम क्यों उन्हें रोकेंगे? इस मामले में हमें बस इतना करना है कि चूंकि सिद्धू संस्कृति मंत्री (पर्यटन मंत्री के अलावा) भी हैं, इसलिए उनका यह विभाग बदलना पड़ सकता है।
सिंह ने कहा, “मुझे यकीन है कि सिद्धू ने कुछ संवैधानिक विशेषज्ञों से भी संपर्क किया है।” उन्होंने कहा कि वे कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श करेंगे। उन्होंने कहा, “हर किसी को अपना व्यवसाय चलाने और पैसे कमाने का अधिकार है।”
पंजाब के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की। जेटली के साथ बैठक में सिंह ने पंजाब में समय पर और आसानी से गेहूं की खरीदी के लिए केंद्र सरकार से 20,683 करोड़ रुपये का नकद ऋण (सीसीएल) तत्काल जारी करने की मांग की है।
नेशनल
अरुणाचल प्रदेश में 28 असंतुष्ट नेताओं को बीजेपी ने पार्टी से किया बाहर
ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में भाजपा ने मंगलवार को 28 असंतुष्ट पार्टी नेताओं को निष्कासित कर दिया, जिन्होंने टिकट से इनकार किए जाने के बाद 19 अप्रैल को पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था। राज्य भाजपा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, तार तारक की अध्यक्षता वाली भाजपा की राज्य अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने कहा कि नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।
अब निष्कासित नेताओं ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल और स्वतंत्र उम्मीदवारों के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। एनपीपी का नेतृत्व मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा कर रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा ने अरुणाचल की सभी विधानसभा सीटों पर 60 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 10 निर्विरोध चुने गए।
बिना किसी मुकाबले के जीतने वाले प्रमुख नेताओं में मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उपमुख्यमंत्री चौना मीन, तेची कासो, जिक्के ताको, न्यातो डुकम, मुच्चू मिथि और दासांगलू पुल समेत अन्य शामिल हैं। भाजपा शासित राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ पहले चरण में 19 अप्रैल को हुए थे। विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 जून को घोषित किए जाएंगे, जबकि लोकसभा के नतीजे 4 जून को आएंगे।
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