अन्तर्राष्ट्रीय
एमएच17 पीड़ितों के पार्थिव शरीर नीदरलैंड पहुंचे
द हेग | नीदरलैंड का सैन्य विमान मलेशियन एयरलाइंस के दुर्घटनाग्रस्त विमान एमएच17 में मारे गए लोगों के पार्थिव शरीर लेकर शनिवार को यहां इन्डोवेन हवाईअड्डे पर पहुंचा। मलेशिया का विमान एमएच17 पिछले साल पूर्वी यूक्रेन में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सवार सभी 298 लोगों की मृत्यु हो गई थी। समाचार एजेंसी ‘सिन्हुआ’ के मुताबिक, पिछले गुरुवार को नीरदरलैंड के पुलिस प्रमुख पीटर जैप अल्बरसबर्ग ने घोषणा की थी कि पूर्वी यूक्रेन में डच एम17 स्वदेश वापसी अभियान अपने मौजूदा स्वरूप में समाप्त हो गया है।
इसका मतलब यह है कि शनिवार को नीदरलैंड पहुंचा विमान आखिरी था। हालांकि पूर्वी यूक्रेन में स्थानीय लोगों को अभी भी नए शव मिल सकते हैं। खार्किव हवाईअड्डे से मृतकों के पार्थिव शरीर लेकर विमान लगभग अपराह्न चार बजे इन्डोवन पहुंचा। हवाईअड्डे पर सुरक्षा और न्याय मंत्री अर्ड वैन डर स्टूर सहित मृतकों के 300 से अधिक संबंधी श्रद्धांजलि देने के लिए वहां मौजूद थे। गौरतलब है कि पिछले साल 17 जुलाई को एम्सटर्डम से कुआलालंपुर जाते हुए मलेशियन एयरलाइंस का विमान एमएच17 पूर्वी यूक्रेन में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस विमान में सवार सभी 298 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जिनमें से 296 लोगों की पहचान कर ली गई है। मृतकों में से ज्यादातर नीदरलैंड के थे।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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