बिजनेस
एप्पल के नए डिवाइस सुपर फास्ट वायरलेस नेटवर्क देने में अक्षम
सैन फ्रांसिस्को, 25 सितंबर (आईएएनएस)| हाल ही में लॉन्च किए गए एप्पल के स्मार्टफोन- आईफोन 8, आईफोन 8 प्लस और आईफोन एक्स- में ऐसे अपेक्षित सहायक उपकरण नहीं हैं, जो एक एंड्रॉयड स्मार्टफोन को इंटरनेट सेवा प्रदाता द्वारा विकसित सुपरफास्ट वायरलेस नेटवर्क तकनीक का उपयोग करने में सक्षम बनाते हों। सीएनईटी ने खबर दी है कि गीगाबिट एलटीई नाम के सुपरफास्ट नेटवर्क के तहत डिवाइस उच्च गति नहीं दे सकता है, जबकि कई प्रीमियम एंड्रॉयड स्मार्टफोन आवश्यक तकनीक के इस्तेमाल के कारण उन्हें सुपर हाई स्पीड देने में सक्षम हैं।
कुछ एंड्रॉयड डिवाइस, जैसे सैमसंग गैलेक्सी एस 8, गैलेक्सी एस 8 प्लस, गैलेक्सी नोट 8, एलजी वी30 और एचटीसी यू 11, हैं जो 1 गीगाबिट प्रति सेकेंड की सर्वोत्तम गति देकर र्शीष पर कब्जा जमा रहे हैं और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं द्वारा दी जाने वाली उच्च गति की बदौलत एक दो-घंटे की फिल्म को 15 सेकंड में डाउनलोड करने में सक्षम है।
हालांकि, एप्पल के नए आईफोन एलटीई एडवांस्ड नेटवर्क में पहुंचने में सक्षम होंगे, जिनकी उच्च गति 500 मेगाबिट प्रति सेकंड की है।
बिजनेस
Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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