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बिजनेस

ऋण एजेंसी पर सरकार से मतभेद नहीं : आरबीआई

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मुंबई| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर एस.एस. मुंद्रा ने सोमवार को कहा कि सार्वजनिक ऋण जुटाने के लिए एक एजेंसी की स्थापना को लेकर आरबीआई और सरकार के बीच कोई मतभेद नहीं है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को इस मुद्दे पर आरबीआई के गवर्नर रघुराम राजन से किसी तरह का विवाद होने से इंकार किया। मुंद्रा से पूछा गया था कि क्या सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी (पीडीएमए) पर मतभेद दूर कर लिया गया है। इस पर उन्होंने कहा, “हम यह कहते रहे हैं कि कोई मतभेद नहीं है, तो उसे मिटाने का सवाल कहां पैदा होता है।” जेटली ने रविवार को आरबीआई बोर्ड को संबोधित करने के बाद नई दिल्ली में कहा था, “कोई मतभेद नहीं है।”

राजन ने रविवार को प्रस्तावित सार्वजनिक ऋण एजेंसी को सरकार और रिजर्व बैंक से स्वतंत्र रखे जाने की वकालत की, ताकि वित्तीय अनुशासन और सुदृढ़ हो। वित्तमंत्री द्वारा रिजर्व बैंक के बोर्ड को संबोधित किए जाने के बाद राजन ने संवाददाताओं से कहा, “एक पेशेवर संगठन के तौर पर और रिजर्व बैंक तथा सरकार से स्वतंत्र एक सार्वजनिक ऋण प्रबंधन एजेंसी (पीडीएमए) वांछित है।” राजन ने कहा कि इस तरह की स्वतंत्र संरचना से सरकार की ऋण प्रक्रिया पर कुछ अनुशासनात्मक दबाव बनेगा।
अभी यह काम रिजर्व बैंक ही देखता है। जेटली ने बजट 2015-16 में पीडीएमए का प्रस्ताव रखा था। बजट के मुताबिक, पीडीएमए के पास सरकारी ऋण पत्र जारी करने का अधिकार होगा। और यही एजेंसी ऋण पत्र धारकों को भुगतान भी करेगी।

 

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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