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अन्तर्राष्ट्रीय

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर समझौते के लिए बनी सहमति

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लौसेन| ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक व्यापक समझौते तक पहुंचने के लिए स्विट्जरलैंड के शहर में ईरान तथा विश्व की छह महाशक्तियों के साथ लंबे समय तक चली वार्ता का एक सार्थक नतीजा निकला है। ईरान तथा छह देशों के बीच ऐतिहासिक समझौते की रूपरेखा तैयार करने पर सहमति बन गई है, जिसके तहत ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए तैयार हो गया है और अमेरिका तथा अन्य देशों ने उस पर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाने पर सहमति दी है।

‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के अनुसार, स्विट्जरलैंड के लौसेन शहर में ईरान तथा पी5+1 समूह (अमेरिका, फ्रांस, रूस, चीन, ब्रिटेन और जर्मनी) के देशों के बीच हुई मैराथन वार्ता के बाद गुरुवार को उनके बीच समझौते की रूपरेखा तैयार करने पर सहमति बनी। समझौते को जून तक अंतिम रूप दिए जाने की समयसीमा निर्धारित की गई है।

वार्ता के बाद यूरोपीय संघ की प्रतिनिधि फेडरिका मॉघेरिनी तथा ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने एक संयुक्त बयान में समझौते की रूपरेखा तैयार करने को लेकर बनी सहमति की घोषणा की।

समझौते की प्रमुख बातों का जिक्र करते हुए मॉघेरिनी ने कहा कि इसके तहत ईरान के परमाणु क्षमता एवं भंडार को सीमित किया जाएगा। इसका एकमात्र परमाणु संवर्धन केंद्र ईरान के शहर नतांज में होगा, जहां शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु संवर्धन की अनुमति होगी। अन्य केंद्रों को अन्य इस्तेमाल में परिवर्तित कर दिया जाएगा।

अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने भी ट्वीट कर कहा, “समझौते के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान कर लिया गया है।”

इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने भी ट्वीट कर कहा था, “ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर समझौते से संबंधित प्रमुख मुद्दों का समाधान कर लिया गया है। समझौते का खाका तैयार करने का काम जल्द शुरू हो जाएगा, ताकि 30 जून तक इसे पूरा किया जा सके।”

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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