Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

‘इस्लाम से जुड़े पूर्वाग्रहों को बढ़ावा दे रहे फेसबुक, ट्विटर’

Published

on

Loading

लंदन| विश्व की शीर्ष सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक और ट्विटर ने नस्लवाद विरोधी समूहों द्वारा बार-बार सचेत करने के बावजूद इस्लाम से जुड़े पूर्वाग्रहों को बढ़ावा देने वाले सैकड़ों पोस्ट अब तक नहीं हटाए हैं। समाचार पत्र ‘द इंडीपेंडेंट’ में शनिवार को प्रकाशित रपट से यह जानकारी मिली।

रपट के अनुसार, रॉदरहम यौन प्रताड़ना और तेजी से विश्व पटल पर उभरे दुर्दात आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट द्वारा ब्रिटिश बंधकों की हत्या की घटनाओं के बाद इन सोशल साइटों पर मुस्लिमों के खिलाफ घृणा फैलाने वाले संदेशों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।

पिछले चार महीनों में नस्लवाद विरोधी समूह इस तरह के दर्जनों अकाउंट और सैकड़ों पोस्ट के प्रति सोशल साइट कंपनियों को आगाह कर चुके हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, “रिपोर्ट करने के बावजूद इनमें से अधिकांश अकाउंट अभी भी सक्रिय हैं।” विभिन्न धर्म समूहों के बीच भाइचारे के लिए काम करने वाली संस्था ‘फेथ मैटर्स’ के निदेशक फैयाज मुगल ने कहा, “फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों द्वारा नफरत फैलाने वाले, समाज को तोड़ने वाले और प्रत्यक्ष तौर पर कट्टरता फैलाने वाले संदेशों को न हटाना नैतिक रूप से अस्वीकार्य है।”

फेसबुक ने प्रत्युत्तर में कहा है, “उसका लक्ष्य विचार की स्वतंत्रता में संतुलन बनाए रखना और सुरक्षित और विश्वासपूर्ण माहौल बनाए रखना है।”

फेसबुक की प्रवक्ता ने कहा, “नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग, सेक्स, सेक्स के प्रति अभिरूचि, अपंगता या चिकित्सकीय परिस्थिति के आधार पर सीधे तौर पर किए गए पोस्ट के खिलाफ रिपोर्ट मिलने पर कंपनी उन्हें तुरंत हटा देती है।”
दूसरी ओर ट्विटर ने भी सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने हिंसा की धमकी देने वाले संदेशों को पूरी तरह प्रतिबंधित कर रखा है और कंपनी का नियम तोड़ने वाले सभी संदेशों पर निगरानी रखती है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending