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अन्तर्राष्ट्रीय

इजरायल को यहूदी राष्ट्र बनाने वाले विधेयक को मंत्रिमंडल से मंजूरी

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जेरूसलम| इजरायल के मंत्रिमंडल ने रविवार को देश को यहूदी राष्ट्र बनाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि 15 मंत्रियों ने विधेयक के पक्ष में मत डाला, जिसमें न्याय मंत्री तिजीपी लिवनी भी शामिल थीं।

विधेयक में राज्य के प्रतीक ध्वज और राष्ट्र गान को राष्ट्रीय यहूदी अधिकार का रूप दिया गया है और हिब्रू देश की आधिकारिक भाषा होगी, जबकि अरबी को विशेष दर्जा प्राप्त होगा।

देश को लोकतांत्रिक की जगह यहूदी राष्ट्र का दर्जा दिए जाने वाले विधेयक के अनुसार, देश के लोकतांत्रिक स्वरूप की जगह कानून में यहूदी स्वरूप ज्यादा महत्वपूर्ण होगी।

विधेयक के तहत सरकार अपने क्षेत्र में यहूदियों को बसाने की दिशा में काम करेगी।

इजरायल की 20 फीसदी आबादी अरब नागरिकों की है।

देश के मंत्रिमंडल ने ऐसे समय में विधेयक को मंजूरी दी है, जबकि यहूदी, अरब इजरायली और फिलिस्तीनी नागरिकों के बीच हाल के समय में तनाव बढ़ा है, झड़प और हिंसक हमले मुख्यत: जेरूसलम और देश के अन्य हिस्से में हुए हैं।

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने मतदान से पहले कहा, “इजरायल में सभी नागरिकों को व्यक्तिगत अधिकार समान रूप से प्राप्त हैं और हम इस पर दृढ़ हैं। लेकिन ध्वजारोहण, राष्ट्रगान जैसे राष्ट्रीय अधिकार केवल यहूदी नागरिकों को ही होंगे।”

विधेयक को मंत्रिमंडल से मिली मंजूरी के बाद अब इसे बुधवार को संसद में पेश किया जाएगा, जिस पर मतदान होगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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