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आप ने अकाली दल पर अपराधियों की भर्ती का आरोप लगाया
चंडीगढ़ | आम आदमी पार्टी (आप) ने पंजाब में सत्तारूढ़ शिरोमणि अकाली दल पर राज्य में 4 फरवरी को होने वाले मतदान से पहले अपनी युवा व विद्यार्थी शाखा में अपराधियों की भर्ती का आरोप लगाया है। संगरूर के सांसद एवं आप की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष भगवंत मान शुक्रवार को जारी बयान में यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अकाली नेता कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं और बिना किसी भय के गैरकानूनी कामों में लगे हुए हैं।
मान ने बयान में कहा, “अकाली दल के पदाधिकारी छेड़छाड़ से लेकर हत्या तक में शामिल हैं। बिक्रम मजीठिया (पंजाब के राजस्व मंत्री) ने अकाली दल की युवा शाखा यूथ अकाली दल और छात्र शाखा स्टूडेंट आर्गनाइजेशन आफ इंडिया (एसओआई) में सैकड़ों अपराधियों को शामिल किया है जोकि राज्य में शांति और सांप्रदायिक सौहार्द के लिए एक खतरा है।”
अकाली नेताओं के कथित रूप से अपराध में शामिल होने का जिक्र करते हुए मान ने कहा कि बठिंडा जिले के भाई बख्तावर गांव में एक नाबालिग दलित लड़के को अकाली दल से जुड़े सरपंच ने आत्महत्या पर मजबूर किया। मान ने ऐसी ही कुछ और घटनाओं का भी उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि शराब व ड्रग्स माफिया को सत्तारूढ़ पार्टी के नेता संरक्षण दे रहे हैं।
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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