बिजनेस
आईसीयू में पड़ा रहा विमानन उद्योग
नई दिल्ली| देश के विमानन क्षेत्र में पांच सूचीबद्ध कंपनियों के बीच जहां विदेशी साझेदारी के साथ दो नई विमानन कंपनियों के प्रवेश से वर्ष 2014 में कीमतों की एक नई जंग शुरू हुई, वहीं हाल के महीनों में ईंधन मूल्य घटने से उद्योग को कुछ राहत मिली है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय विमानन उद्योग अभी भी ‘आईसीयू’ में है। इसे तुरंत कारगर इलाज की जरूरत है।
इस वर्ष टाटा संस, मलेशिया की किफायती विमानन कंपनी और दिल्ली के उद्यमी अरुण भाटिया की कंपनी टेलेस्टा ट्रेडप्लेस की साझेदारी वाली कंपनी एयरएशिया ने जहां जून में एक क्षेत्रीय विमानन कंपनी के तौर पर अपनी सेवा शुरू की, वहीं एक अन्य कंपनी विस्तार ने एयर ऑपरेटर परमिट हासिल कर लिया, जिसमें टाटा संस तथा सिंगापुर एयरलाइंस की हिस्सेदारी है।
इधर, आंध्र प्रदेश के उद्योगपति एल.पी. भास्कर राव की कंपनी एयरकोस्टा ने पहली बार पूरे एक वर्ष का संचालन पूरा किया है।
विमानन कंपनियां 2014 में उच्च ब्याज दर से जूझती रही साथ ही साल के अधिकतर महीनों में महंगे ईंधन ने उद्योग की समस्या को बढ़ाया, मध्य नवंबर से हालांकि, ईंधन में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
इन कारणों से यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने के बाद भी अधिकतर कंपनियों का लाभ इस वर्ष नहीं बढ़ा।
इस वर्ष जनवरी से अक्टूबर तक के अद्यतन आंकड़ों के मुताबिक घरेलू विमानन कंपनियों के यात्रियों की संख्या 5.5 करोड़ रही, जो एक साल पहले 5 करोड़ थी।
उद्योग के अनुमान के मुताबिक, इस वर्ष सभी विमानन कंपनियों को समग्र तौर पर दो अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होगा। इस साल विमानों की सीटें साल के अलग अलग समय में 63.3 फीसदी से 85.9 फीसदी तक भरीं।
नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आईएएनएस से कहा, “हम नीतियों की समीक्षा कर रहे हैं और इसे विमानन क्षेत्र के अनुकूल बनाएंगे। हमारे पास एक मसौदा नीति है और हम इस क्षेत्र के लिए कई सुधारों पर विचार कर रहे हैं।”
विशेषज्ञों की राय हालांकि यह है कि सिर्फ बात से काफी नहीं चलेगा। परामर्श कंपनी केपीएमजी के साझेदार और भारतीय एरोस्पेस तथा रक्षा कारोबार प्रमुख अंबर दूबे ने कहा, “अच्छे दिन अभी कोषों दूर लग रहे हैं। भारतीय विमानन उद्योग अभी आईसीयू में है। इसे अविलंब उपचार की जरूरत है।”
इस साल के शुरू में अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने सुरक्षा आधार पर भारतीय विमानन उद्योग की रेटिंग घटा दी। हालांकि उम्मीद की जा रही है कि रेटिंग में जल्द ही सुधार किया जा सकता है।
पिछली सरकार ने छह हवाईअड्डों के निजीकरण की योजना बनाई थी, जिसे वर्तमान नरेंद्र मोदी की सरकार ने लगभग रद्द कर दिया और उसकी जगह सरकार ने 50 स्थानों पर पहले से मौजूद सुविधा को किफायती विमानन श्रेणी के हवाईअड्डा बनाने पर जोर दिया। सरकार ने नई विमानन कंपनियों के छह आवेदनों को भी स्वीकृति दी। हालांकि विभिन्न कारणों से ये सभी कंपनियां अपनी सेवा शुरू नहीं कर पाईं।
इस वर्ष जेट एयरवेज ने अपनी किफायती श्रेणी की शाखा जेटलाइट का खुद में विलय कर लिया।
एक अन्य किफायती श्रेणी की विमानन कंपनी स्पाइसजेट ने अपने विमानों की संख्या 35 से घटाकर 26 कर ली। कंपनी संकट से गुजर रही है और इसने मुनाफे में आने की योजना उड्डयन मंत्रालय के पास जमा की है।
इस साल एयर इंडिया आठ साल की वार्ता के बाद आखिर स्टार एलायंस की सदस्य बन गई।
इस साल किफायती श्रेणी की एक विमानन कंपनी इंडिगो ने 250 एयरबस विमानों का ठेका देकर विश्व को अचंभित कर दिया।
विमानन कंपनी विस्तार अगले साल के शुरू में अपनी सेवा देश की आठवीं सूचीबद्ध कंपनी के तौर पर शुरू करेगी।
वर्ष 2014 के प्रुमख घटनाक्रम विंदुवार इस प्रकार हैं :
– दो साल की सुस्ती के बाद यात्रियों की संख्या में वृद्धि
– जनवरी से नवंबर तक हवाई यात्रियों की संख्या करीब छह करोड़
– अमेरिकी नियामक ने भारतीय कंपनियों की अमेरिका के लिए संचाति की जा रही सेवा की रेटिंग घटाई
– हवाईअड्डा निजीकरण योजना टली
– 50 नए किफायती हवाईअड्डे को मंजूरी
– नई विमानन कंपनियों के लिए छह नए आवेदन मंजूर
– स्पाइसजेट के सामने वित्तीय संकट
– एयर इंडिया का स्टार एलायंस में प्रवेश
– इंडिगो ने 250 एयरबस विमानों का दिया ठेका
– टाटा के विस्तार को मिला उड़ान लाइसेंस।
बिजनेस
पूर्वी यूपी में 4 करोड़ उपभोक्ताओं का आंकड़ा पार करने वाली पहली कंपनी बनी जियो
लखनऊ। पूर्वी उत्तर प्रदेश में जियो ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित कर दिये हैं I ट्राई की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी यूपी में जियो एकमात्र और पहली कंपनी है, जिसने 4 करोड़ उपभोक्ताओं का आकड़ा पार किया है I जियो पिछले कई महीनों से अपने तेज़ स्पीड नेटवर्क और किफायती प्लान्स के कारण लगातार क्षेत्र में नंबर एक ऑपरेटर बना हुआ हैI
ट्राई की मार्च 2024 की रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी यूपी में जियो ने सबसे अधिक उपभोक्ता जोड़े हैं जो की लगभग 2.67 लाख हैं और अब कंपनी के पास 4 करोड़ से अधिक उपभोक्ता हैं I वहीँ दूसरी टेलीकॉम कंपनी एयरटेल ने पूर्वी यूपी में मार्च में लगभग 2.09 लाख उपभोक्ता जोड़े हैं और अब एयरटेल के पास करीब 3.73 करोड़ उपभोक्ता हैं I
वोडाफोन-आईडिया ने इस अवधि में करीब 39 हज़ार उपभोक्ता जोड़े हैं और अब उसके पास लगभग 1.74 करोड़ उपभोक्ता हैं I वहीँ सरकारी टेलीकॉम ऑपरेटर बीएसएनएल मार्च में करीब 4.56 लाख उपभोक्ता खोकर केवल 73.90 लाख उपभोक्ताओं के साथ क्षेत्र में मौजूद है I ट्राई के इसी रिपोर्ट के अनुसार मार्च 2024 में पूर्वी यूपी में 10.21 करोड़ उपभोक्ता उपस्थित थे, जिसमें सबसे ज़्यादा, 40% से अधिक उपभोक्ता जियो के पास थे I
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
थका-थका रहता है शरीर, ये हो सकता है कारण; जानें उपाय
-
नेशनल2 days ago
15 दिन की पैरोल मिलने के बाद जेल से बाहर आए पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह, समर्थकों ने किया स्वागत
-
अन्तर्राष्ट्रीय2 days ago
इमरान खान का सनसनीखेज आरोप, कहा- पाक सेना रच रही मेरी हत्या की साजिश
-
नेशनल2 days ago
मध्य प्रदेश में में कांग्रेस को झटका, एक और विधायक ने छोड़ी पार्टी, बीजेपी में शामिल
-
नेशनल2 days ago
आज थमेगा तीसरे चरण के प्रचार का शोर, पीएम मोदी करेंगे ताबड़तोड़ जनसभाएं
-
नेशनल1 day ago
ओडिशा के गंजम में बोले पीएम मोदी- कांग्रेस पस्त है और लोग बीजेपी पर आश्वस्त हैं
-
नेशनल1 day ago
बीजेपी में शामिल हुईं मनोज तिवारी की बेटी रीति तिवारी, कहा- बीजेपी अध्यक्ष ने जरूर मुझमें कुछ देखा होगा
-
नेशनल1 day ago
मुझे कमरे में बंद किया, शराब ऑफर की…कांग्रेस छोड़ने वाली राधिका खेड़ा ने लगाए सनसनीखेज आरोप