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आईपीएल-8 : रॉयल्स की निगाह लगातार चौथी जीत पर

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आईपीएल-8, राजस्थान रॉयल्स, सनराइजर्स हैदराबाद, एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम, स्टीव स्मिथ, चेन्नई सुपर किंग्स, ब्रेंडन मैक्लम, आस्ट्रेलियाई, न्यूजीलैंड

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विशाखापट्टनम| इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के आठवें संस्करण में अब तक अपने तीनों मैच जीतकर अंकतालिका में शीर्ष पर पहुंच चुकी राजस्थान रॉयल्स की टीम बुधवार को जब सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम में उतरेगी तो उसका मकसद अपनी जीत की लय को आगे बढ़ाना रहेगा। शेन वाटसन की अनुपस्थिति में स्टीव स्मिथ के नेतृत्व में रॉयल्स टीम बेहद मजबूत नजर आने लगी है, लेकिन मजबूत गेंदबाजी आक्रमण वाले सनराइजर्स के खिलाफ उन्हें कठिन चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।सबसे रोचक बात यह है कि दोनों ही टीमों में मुख्य दारोमदार आईसीसी विश्व कप-2015 का फाइनल मैच खेल चुके तीन-तीन खिलाड़ियों पर है।

रॉयल्स के लिए विश्व विजेता आस्ट्रेलियाई टीम के स्मिथ के अलावा जेम्स फॉल्कनर और न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज टिम साउदी हैं विश्व कप फाइनल में अपनी-अपनी टीमों का हिस्सा थे, जबकि सनराइजर्स के लिए कप्तान आस्ट्रेलियाई डेविड वार्नर और न्यूजीलैंड के केन विलियमसन और ट्रेंट बाउल्ट भी विश्व कप फाइनल में मौजूद थे। रॉयल्स टीम की बल्लेबाजी जहां बेहद गहरी नजर आ रही है, वहीं सनराइजर्स में कुछ ही भरोसेमंद बल्लेबाज नजर आ रहे हैं। वार्नर अब तक अपने दोनों मैचों में अर्धशतक लगा चुके हैं, जबकि पिछले मैच में अर्धशतक लगा कर शिखर धवन भी लय में लौट चुके हैं। हमेशा की तरह सनराइजर्स की ताकत उनकी गेंदबाजी है, जो बाउल्ट के आने से और भी मजबूत हो चुकी है। पिछले संस्करण में बेहद किफायती रहे दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाज डेल स्टेन को अब तक मैदान पर नहीं उतारा गया है।

सनराइजर्स को अपने पहले मैच में चेन्नई सुपर किंग्स के हाथों हार झेलनी पड़ी थी, जिसमें उनके खिलाफ ब्रेंडन मैक्लम ने आईपीएल-8 का पहला शतक लगाया था।सनराइजर्स ने पहले मैच में असफल रहे परवेज रसूल को बिठाकर आशीष रेड्डी को मौका दिया, लेकिन वह भी असफल रहे। ऐसे में सनराइजर्स इस मैच में कुछ और बदलाव के साथ उतर सकते हैं। उनके पास स्टेन, इयान मोर्गन, मोइजेज हेनरिक्स और हनुमा विहारी जैसे कई अच्छे विकल्प हैं। रॉयल्स टीम में उनके स्थायी कप्तान शेन वाटसन की इस मैच में वापसी की संभावना नहीं है और लगातार मिल रही जीत को देखते हुए किसी बदलाव की उम्मीद नहीं है।

टीमें :

राजस्थान रॉयल्स : स्टीव स्मिथ (कप्तान), संजू सैमसन (विकेटकीपर), अजिंक्य रहाणे, दीपक हुडा, जेम्स फॉल्कनर, करुण नायर, स्टुअर्ट बिन्नी, क्रिस मोरिस, टिम साउदी, धवल कुलकर्णी, प्रवीण तांबे।

सनराइजर्स हैदराबाद : डेविड वार्नर (कप्तान), शिखर धवन, केन विलियमसन, लोकेश राहुल, नमन ओझा (विकेटकीपर), रवि बोपारा, आशीष रेड्डी, कर्ण शर्मा, प्रवीण कुमार, भुवनेश्वर कुमार, ट्रेंट बाउल्ट।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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