अन्तर्राष्ट्रीय
अमेरिकी रक्षा प्रणाली अपनाने की दक्षिण कोरिया की योजना नहीं
सियोल | दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के नामित अध्यक्ष ने कहा है कि स्थानीय स्तर पर तैनाती में सेना के लिए फायदेमंद होने के बावजूद अमेरिका के टर्मिनल हाई एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (टीएचएएडी) को मंजूरी देने की अभी उसकी कोई योजना नहीं है। सैन्य जनरल ली सुन-जिन ने सोमवार को कहा, “फिलहाल, सेना में टीएचएएडी को शामिल करने की कोई योजना नहीं है।”
उन्होंने कहा,सेना कोरियन एयर एंड मिसाइल डिफेंस सिस्टम (केएएमडी) के दायरे में हथियार प्रणालियों की तैनाती की कोशिश कर रही है।यह पूछने पर कि क्या केएएमडी देश की रक्षा करने में समर्थ है, ली ने कहा कि अभी इसे और विकसित करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा टीएचएएडी की तैनाती का कोई भी फैसला सेना को मिलने वाले फायदों और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रख कर किया जाएगा।उत्तर कोरिया की परमाणु क्षमता के बारे में ली ने कहा कि माना जा रहा है कि उत्तर कोरिया के पास छोटे परमाणु हथियार ठीकठाक संख्या में हैं, लेकिन इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता कि उसने इन्हें युद्ध में प्रयोग करने के लिए तैनात किया है या नहीं। ली को बीते महीने जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ का नया अध्यक्ष बनाए जाने का ऐलान किया गया था। वह चोई यून-ही की जगह लेंगे, जिनका दो साल का कार्यकाल अक्टूबर के मध्य में खत्म हो रहा है।
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गहरी नींद में थे लोग, तभी भूस्खलन से गांव पर आ गिरा पहाड़ का मलबा, 100 से ज्यादा की हुई मौत
नई दिल्ली। पापुआ न्यू गिनी में शुक्रवार को हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। एबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूस्खलन की घटना कथित तौर पर दक्षिण प्रशांत द्वीपीय देश की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में एंगा प्रांत के काओकलाम गांव में घटी। यह हादसा स्थानीय समय के अनुसार तड़के 3 बजे करीब हुआ। इलाके के निवासियों का कहना है कि मृतकों की संख्या 100 से अधिक भी हो सकती है।
यह प्राकृतिक आपदा तब हुई, जब पूरा गांव अलसुबह करीब 3 बजे गहरी नींद में था और पहाड़ का मलबा गांव पर आ गिरा।ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (ABC) की रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि शुक्रवार तड़के पापुआ न्यू गिनी के एक सुदूर गांव में हुए भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है। यह इलाका पापुआ न्यू गिनी की राजधानी पोर्ट मोरेस्बी से लगभग 600 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित एंगा प्रांत के काओकालम गांव में हुई है।
स्थानीय लोगों के हवाले से एबीसी ने जानकारी दी है कि इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हालांकि अधिकारियों ने अभी तक मौत के आधिकारिक आँकड़ों की जानकारी नहीं दी है। सोशल मीडिया पर भी इस खौफनाक हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं, जिससे बड़ी-बड़ी चट्टानों, पेड़ों और मलबे के नीचे से ग्रामीणों की लाशों को निकालते हुए दिखाया जा रहा है।
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