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मुख्य समाचार

अब मैं एक टेलीविजन पर्सनालिटी हो गया हूं : करण जौहर

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karan-jauharमुंबई। फिल्मकार करण जौहर का मानना है कि वह छोटे पर्दे पर अपनी अधिक सक्रियता की वजह से फिल्म से अधिक एक टेलीविजन पर्सनालिटी हो गए हैं। ऐ दिल है मुश्किल के निर्देशक सिंगिंग रियलिटी शो दिल है हिन्दुस्तानी में निर्णायक बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि टेलीविजन पर कोई भी ऐसी चीज बची है, जो मैंने नहीं की। डांसिंग के निर्णायक से लेकर, सिंगिंग शो की मेजबानी से लेकर निर्णायक बनने तक, सब कुछ किया है।

उन्होंने कहा, अब मैं टेलीविजन पर्सनालिटी अधिक हूं और ऐसा लगता है कि फिल्में मेरे व्यक्तित्व का आकस्मिक हिस्सा हो गईं हैं। करण ने मंगलवार को स्टार प्लस के नए शो के संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।

कपूर एंड सन्स के निर्माता झलक दिखला जा और इंडियाज गॉट टैलेंट की मेजबानी कर चुके हैं। उन्होंने कहा, जब भी मैं कहीं जाता हूं तो लोग मुझसे टेलेंट शो या टॉक शो के बारे में पूछते हैं और यह मेरे लिए असहज करने वाला होता है। कभी-कभी, मैं लोगों से कहता हूं कि मैं फिल्म-निर्माता भी हूं। करण का मानना है कि छोटे पर्दा बहुत प्रभावशाली माध्यम है।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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