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मुंबई और जबलपुर में ईसाई समुदाय को बनाया गया निशाना

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मुंबई/भोपाल। देश में चर्च और ईसाई समुदाय को निशाना बनाए जाने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। हमले के नए मामले मुंबई और मध्य प्रदेश के जबलपुर के हैं। नवी मुंबई में एक चर्च पर पत्थर फेंके गए, जबकि जबलपुर में आयोजित एक धर्मसभा में हिस्सा लेने पहुंचे ईसाइयों पर हिंदूवादी संगठन धर्म सेना से जुड़े लोगों ने हमला कर दिया और तोड़फोड़ की। इस हमले में कुछ लोगों को चोटें भी आई हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

नवी मुंबई के पलवेल इलाके में स्थित सेंट जॉर्ज कैथलिक चर्च पर शनिवार को यह हमला हुआ। ये पूरी घटना सीसीटीवी में रिकॉर्ड हो गई। अपना चेहरा ढंके हमलावरों ने चर्च पर पत्थर फेंके। इस हमले में सेंट जॉर्ज की प्रतिमा के बाहर लगे शीशे टूट गए। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और चर्च के आसपास सुरक्षा मजबूत कर दी है। फिलहाल अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

ईसाई समुदाय पर हमले की दूसरी घटना मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुई। ईसाई महासंघ से रविवार को मिली जानकारी के अनुसार, जबलपुर के सेंट पाल चर्च में शुक्रवार रात धर्मसभा आयोजित की गई थी। इस धर्मसभा में मंडला जिले से कई लोग हिस्सा लेने आए थे। इन सभी को सेंट एलॉयसियस और सेंट थॉमस स्कूल में ठहराया गया था। शुक्रवार देर रात हिंदूवादी संगठन धर्म सेना के कई युवकों ने यहां ठहरे लोगों पर हमला बोल दिया और वाहनों तथा कमरों में तोड़फोड़ की।

ईसाई महासंघ के पदाधिकारी और घटना के प्रत्यक्षदर्शी माकरे बाबा ने बताया कि धर्मसेना के योगेश अग्रवाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में लोग आए और उन्होंने स्कूल में ठहरे लोगों पर हमला बोल दिया। धर्मसेना से जुड़े लोगों का कहना था कि ये लोग धर्म परिवर्तन कराने आए हैं।

बाबा ने बताया, “कई वाहनों को क्षतिग्रस्त किए जाने के साथ ही भवन परिसर में भी उत्पातियों ने उपद्रव मचाया। पुलिस ने अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की है। इस हमले में कई लोगों को चोटें भी आई हैं।” जबलपुर के पुलिस अधीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा ने बताया कि तोड़फोड़ करने वालों के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ईसाई महासंघ के संयोजक आनंद मुटुंगल ने बताया कि इस घटना के विरोध में राज्य के गृहमंत्री बाबू लाल गौर और पुलिस महानिदेशक सुरेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपकर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। उन्होंने आगे कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई नहीं होती है तो ईसाई समाज इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगा। मुटुंगल ने बताया, “धर्म सेना का योगेश अग्रवाल पहले भी ईसाई समाज से जुड़े लोगों के साथ दुर्व्यवहार कर चुका है। लेकिन पुलिस उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती है।”

उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले ही पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में एक 71 साल की नन से गैंगरेप की जघन्य घटना सामने आई थी। एक अन्य घटना में भी हरियाणा के हिसार में निर्माणाधीन चर्च में एक संगठन ने तोड़-फोड़ की थी और क्रॉस हटाकर भगवान हनुमान की प्रतिमा रख दी थी। इस घटना के बाद से तनाव व्याप्त हो गया था।

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रायबरेली में होगी अमेठी से भी बड़ी हार, बीजेपी का राहुल गांधी पर निशाना

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लखनऊ। कांग्रेस ने रायबरेली और अमेठी से उम्‍मीदवार कौन होगा? इसपर सस्‍पेंस खत्‍म कर दिया है। पार्टी ने शुक्रवार को नामांकन के आखि‍री द‍िन नई ल‍िस्‍ट जारी कर इन दोनों सीटों पर प्रत्‍याशि‍यों के नाम का एलान कर द‍िया है। कांग्रेस ने अमेठी से केएल शर्मा को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से खुद राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद भाजपा ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने पर निशाना साधा है।

उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘राहुल गांधी और गांधी परिवार में अमेठी-रायबरेली से चुनाव लड़ने का साहस नहीं हो रहा है, लेकिन किसी ने उन्हें (राहुल गांधी) समझाया होगा कि पिछली बार सोनिया गांधी इतने मतों से जीत गई थीं इसलिए आप अमेठी न जाकर रायबरेली चलिए। रायबरेली में राहुल गांधी की अमेठी से भी बड़ी पराजय होने जा रही है। हम ये दोनों सीटें तो बहुत बड़ें नंबर से जीतेंगे ही साथ ही उत्तर प्रदेश की 80 की 80 सीटें भी जीतेंगे’

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि राहुल गांधी पहले अमेठी छोड़कर वायनाड भाग गए थे, अब वायनाड छोड़कर रायबरेली आ गए हैं, रायबरेली के लोग उन्हें कभी स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी को लेकर जिस तरह का माहौल बना है, वही कारण है कि कांग्रेस पहले तो तय नहीं कर पा रही थी कि क्या करना चाहिए। पिछली बार राहुल गांधी अमेठी से हार कर केरल की तरफ भागे थे। अब वायनाड से हार की आशंका देखते हुए रायबरेली आ गए। उत्तर प्रदेश का माहौल मोदीमय हो चुका है। हम पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ने जा रहे हैं… रायबरेली की जनता भी उनका(राहुल गांधी) इंतजार कर रही है कि कांग्रेस ने पीएम मोदी के बारे में जो भी हल्की बातें कही हैं उसका हिसाब उन्हें देना पड़ेगा।’

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