प्रादेशिक
‘अफवाह, भीड़ प्रबंधन में कमी के कारण हुई पटना में भगदड़’
पटना| बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में विजयदशमी के दिन रावण दहन के दौरान मची भगदड़ का मुख्य कारण अफवाह, रोशनी की अपर्याप्त व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन की कमी को माना गया है। इसके लिए जांच दल ने जिला प्रशासन, जिला पुलिस प्रशासन, पटना नगर निगम और यातायात पुलिस को दोषी पाया है। भगदड़ में 33 लोग मारे गए थे और 30 लोग घायल हुए थे।
जांच दल में शामिल बिहार के गृह सचिव आमिर सुबहानी और अपर पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने शनिवार को रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए संवाददाताओं को बताया कि घटना के बाद सरकार ने जांच दल को घटना के कारणों और परिस्थितियों तथा घटना में प्रशासनिक कमी की जांच करने का निर्देश दिया था।
गृह सचिव ने कहा कि भगदड़ मचने का मुख्य कारण गांधी मैदान के दक्षिणी गेट पर केबल तार का गिरा होना और उसमें बिजली के करंट का अफवाह फैलना है। इस अफवाह के बाद भगदड़ मची और इतना बड़ा हादसा हुआ।
उन्होंने कहा कि गांधी मैदान के आसपास रोशनी की अपर्याप्त व्यवस्था तथा भीड़ के निकलने के दौरान यातायात की समुचित व्यवस्था नहीं होना भी इतनी बड़ी घटना का कारण बनी।
उन्होंने जांच के दौरान यह भी पाया किया कई ऐसे प्रतिनियुक्त अधिकारी रहे, जो अपनी ड्यूटी से अनुपस्थित थे। जांच रिपोर्ट शुक्रवार को मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को सौंप दी गई थी।
सुबहानी ने कहा कि दोषी पाए गए अधिकारियों पर कारवाई की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। किसी एक अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने से इंकार करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं के लिए कोई एक अधिकारी जिम्मेदार नहीं हो सकता, बल्कि यह सामूहिक जिम्मेदारी होती है।
जांच दल में शामिल दोनों अधिकारियों ने इस घटना को आतंकवादी घटना से जोड़े जाने से साफ इंकार किया।
अधिकारियों ने कहा कि जांच के दौरान तत्कालीन जिलाधिकारी मनीष कुमार तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज का बयान दर्ज किया गया था। साथ ही उन दंडाधिकारियों का भी बयान दर्ज किया गया था, जो गांधी मैदान में उस दिन ड्यूटी पर थे। इसके अलावे पीड़ित, पीड़ित के परिवारों और प्रत्यक्षदर्शियों के भी बयान दर्ज किए गए।
उल्लेखनीय है कि गांधी मैदान में हुई भगदड़ की जांच के लिए बिहार सरकार ने दो सदस्यीय जांच दल का गठन किया था, जिसमें सुबहानी और पांडेय शामिल थे।
उत्तर प्रदेश
अखिलेश यादव ने श्याम लाल पाल को बनाया सपा का नया प्रदेश अध्यक्ष
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने अपना प्रदेश अध्यक्ष बदल दिया है। पार्टी ने नरेश उत्तम पटेल की जगह श्याम लाल पाल को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। बीते साल ही श्याम लाल पाल को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्तमान में नरेश उत्तम पटेल यूपी की फतेहपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसा कहा जाता है कि वह अखिलेश यादव के करीबी है। ऐसें में चुनाव पर उनका फोकस हो, इसी वजह से अखिलेश यादव ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी श्याम लाल पाल को सौंप दी है।
श्यामलाल पाल शिक्षाविद् हैं और एक इंटर कॉलेज से प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वह लगभग 20 सालों से समाजवादी पार्टी में हैं। श्याम लाल पाल 2002 में अपना दल के टिकट पर प्रतापपुर सीट से विधानसभा का चुनाव भी लड़े चुके थे। हालांकि, इसके कुछ दिन बाद ही वह समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
वह सपा में अलग-अलग पदों पर रहकर लगातार काम कर रहे हैं। श्याम लाल पाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर प्रयागराज के कार्यकर्ताओं ने खुशी जाहिर की है।
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