प्रादेशिक
अखिलेश ने की किसानों से बात, दिया मदद का भरोसा
लखनऊ | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को उप्र के किसानों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मन की बात की। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी और कन्नौज से सांसद डिम्पल यादव के संसदीय क्षेत्र के किसानों से बातचीत की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया। अखिलेश यादव ने कहा कि उन्हें कन्नौज के किसानों ने अपनी समस्या की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आलू की पैदावार ज्यादा हो गई है। वे चाहते हैं कि उनका आलू सरकार खरीदे। उनकी समस्या सुनी गई है और उनका समाधान भी किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कन्नौज से एक्सप्रेस-वे निकल रहा है। ऐसे में वहां आलू की बड़ी मंडी बनेगी। यही नहीं किसानों ने मक्के की समस्या भी बताई है, उसका भी समाधान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग आयोजित करने का कृषि विभाग ने बेहतर प्रयास किया है। इसमें विभाग, एक्सपर्ट और कृषि वैज्ञानिकों को मिलकर किसानों की समस्या को सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग, एक्सपर्ट और यूनिवर्सिटी यदि किसानों को देखते हुए गांव गोद लेती हैं तो सरकार इसमें मदद करेगी। हालांकि उन्होंने कहा कि ऐसी योजनाएं पहले से ही चल रही हैं।
अखिलेश यादव ने खुद कहा कि जब वह वीडियो कांफ्रेंसिंग करने पहुंचे तो अधिकारियों ने सबसे पहले कन्नौज के किसानों और अधिकारियों से बात कराई। आधे घंटे में किसानों से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव निकल गए। हालांकि इस वजह से अन्य क्षेत्रों के किसान अपने मन की बात कहने का सिर्फ इंतजार करते रह गए।
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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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